लोकसभा चुनाव में ताल ठोक रहीं सियासी घरानों की महिलाएं
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लोकसभा चुनाव में ताल ठोक रहीं सियासी घरानों की महिलाएं

मध्य प्रदेश में बड़े सियासी घरानों की बहुओं के चुनावी चर्चे शुरू हो गए हैं.

शिवराज सिंह चौहान पत्‍नी साधना सिंह के साथ नर्मदा मैया की पूजा-अर्चना करते हुए.(फाइल फोटो)

संदीप भम्‍मारकर, भोपाल: मध्य प्रदेश में बड़े सियासी घरानों की बहुओं के चुनावी चर्चे शुरू हो गए हैं. ये वो महिलाएं हैं जो प्रदेश के बड़े और दिग्गज नेताओं के परिवार से हैं और इलाके में इनके परिवार का खासा रसूख है. इनमें से कुछ अपने पतियों के चुनाव में कभी-कभार प्रचार करती नजर आ जाती थीं तो कुछेक ऐसी भी हैं जो कभी इसके लिए भी बाहर नहीं निकलीं. हालांकि कुछ महिलाएं सक्रिय राजनीति में हैं लेकिन इसकी वजह उनके पति ही हैं. अब ये महिलाएं अपने पतियों और कार्यकर्ताओं के जरिए दावेदारी में अव्व्ल नजर आ रही हैं. जानिए इनकी दावेदारी के बारे में...

प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया: ग्वालियर राजघराने की महारानी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे को चुनाव लड़ाने की मांग खुद ग्वालियर और गुना संसदीय क्षेत्रों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की है. ये दोनों संसदीय क्षेत्र सिंधिया राजवंश के परंपरागत चुनाव क्षेत्र माने जाते हैं. राजमाता विजया राजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया यहां से चुनाव लड़ते आए हैं. अब प्रियदर्शिनी के तौर पर एक नया वारिस यहां से राजनीति में पदार्पण के प्रयास में जुट गया है. प्रियदर्शिनी ने पहली दफा अकेले ही इलाके का दौरा भी शुरू कर दिया है.

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साधना सिंह: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सियासी कार्यक्रमों में दिखाई देती रही हैं. लेकिन इस बार वे विदिशा से चुनाव प्रत्याशी के तौर पर देखी जा रही हैं. इससे पहले विदिशा विधानसभा सीट से भी उनका नाम दावेदार के तौर पर आ चुका है. खास बात ये है कि साधना सिंह बीजेपी महिला मोर्चा में भी पदाधिकारी होकर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं.

सुधा मलैया: पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया की पत्नी सुधा मलैया दमोह से दावेदार हैं. उनका राजनीति में अपना वजूद है. वे महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री रह चुकी हैं. राजनीति के अलावा सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने के कारण वे दमोह से प्रबल दावेदार समझी जा रही हैं.

मौसम बिसेन: बालाघाट के दिग्गज बीजेपी नेता गौरीशंकर बिसेन की बेटी हैं. कई बार उनका नाम विधानसभा चुनाव के लिए चल चुका है. इस बार फिर वे दावेदारी ठोक रही हैं.

ये नाम भी हैं चर्चा में...
केवल ये नाम ही नहीं हैं. बल्कि ग्वालियर और गुना से सिंधिया परिवार के ही यशोधरा राजे, माया सिंह के नाम भी चर्चाओं में हैं. इसके अलावा सागर से भूपेंद्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह का नाम भी जमकर उछल रहा है. दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता को भी टिकट दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है. वे नर्मदा यात्रा के दौरान अपने पति दिग्विजय सिंह के साथ पूरे वक्त पदयात्रा करते हुए सुर्खियों में रह चुकी हैं. नई पीढ़ी की बात करें तो छिंदवाडा से मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल ने भी चुनावी चाल ठोक दी है. वैसे सियासी घरानों में कुछ और भी नाम हैं.

ताई और भाई की जंग
मसलन ताई और भाई की जंग में इंदौर से लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के टिकट पर भिड़ंत हुई और कैलाश विजयवर्गीय अड़ गए तो ताई खेमे से उनके बेटे मंदार महाजन का नाम भी विकल्प के तौर पर आगे बढ़ाया जा सकता है. वैसे कैलाश के बेटे राजनीति में एंट्री कर चुके हैं. आकाश विजयवर्गीय अब विधायक हैं. बेटों में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे दीपू भार्गव भी विधानसभा टिकट मांग रहे थे. ऐसी ही डिमांड केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे और प्रभात झा की भी थी.

कांग्रेस कहती है कि दावेदारी कोई भी कर सकता है लेकिन आखिरी फैसला पार्टी करती है. लेकिन महारानी प्रियदर्शिनी राजे की दावेदारी से इन्कार नहीं किया जा सकता है. बीजेपी आरोप लगाती है कि वंशवाद कांग्रेस की परंपरा है. बीजेपी में कार्यकर्ताओं को ही टिकट मिलता है.

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