मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे बस कुछ ही देर में आने शुरु हो जाएंगे. सांवेर, सुरखी, सुमावली, सुवासरा और बमोरी इन पांच सीटों पर शिवराज सरकार के बड़े मंत्री चुनावी मैदान में थे. लिहाजा इन सीटों की पल-पल की अपडेट हम आप तक पहुंचाते रहेंगे.
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भोपालः एमपी की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजो आने शुरु हो गए हैं. मंदसौर की सुवासरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के हरदीप सिंह डंग ने जीत दर्ज कर ली है. इन मंत्रियों की सीटों से जुड़ी पल-पल की अपडेट जी मध्य प्रदेश आपको दे रहा है.
1.सांवेर की सियासत
28 विधानसभा सीटों में इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट सबसे हाईप्रोफाइल सीट है. यहां सीट बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सबब बनी हुई है. यहां बीजेपी के तुलसी सिलावट का मुकाबला कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डु से हुआ है. खास बात यह है कि प्रेमचंद गुड्डु इस सीट से एक बार उपचुनाव जीत चुके हैं लिहाजा वे दूसरी बार जीतते हैं या सिलावट अपनी सीट बरकरार रखते हैं इस पर सबकी नजरें होगी.
2018 के नतीजे
सांवेर विधानसभा सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तुलसी सिलावट ने बीजेपी के राजेश सोनकर को 2 हजार 945 वोट से हराया था. इस सीट पर अब तक हुए 13 चुनाव में से 6 बार कांग्रेस और 7 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है.
2. सुरखी में कड़ा मुकाबला
बुंदेलखंड अंचल की सुरखी विधानसभा सीट पर भी सबकी नजरें टिकी है. तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए और उन्हें शिवराज सरकार में भी मंत्री बनाया गया, लिहाजा वे अब बीजेपी के उम्मीदवार हैं, तो 2013 में कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत को शिकस्त देकर बीजेपी से विधायक चुनी गई पारुल साहू अब कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. दोनों उम्मीदवार पहले भी आमने-सामने रह चुके हैं. यही वजह है कि सुरखी विधानसभा पर पूरे प्रदेश की नजर है.
2018 के नतीजे
सुरखी विधानसभा सीट के सियासी इतिहास पर नजर डाली जाए. 1951 के पहले चुनाव से ही यह सीट हाइप्रोफाइल सीट मानी जाती है. सुरखी विधानसभा सीट पर अब तक 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं. जिनमें से 9 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की, तो दो बार जनता दल के प्रत्याशी ने बाजी मारी और चार बार जनसंघ और बीजेपी के प्रत्याशियों को विजयश्री मिली. 2018 में गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी के सुधीर यादव को हराया था.
3. सुमावली में दांव पर कंसाना की प्रतिष्ठा
मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट पर शिवराज पांचवी बार चुनाव लड़ रहे मंत्री ऐदल सिंह कंसाना का मुकाबला कांग्रेस के अजब सिंह कुशवाहा से हुआ है. यहां भी दोनों प्रत्याशी दल बदलकर मैदान में उतरे हैं. तो बसपा का प्रभाव होने की वजह से इस सीट के नतीजे भी अहम है.
2018 के नतीजे
सुमावली विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए 10 विधानसभा चुनावों में कोई भी राजनीतिक दल इस क्षेत्र को अपना गढ़ नहीं बना सका. सुमावली में अब तक तीन-तीन बार कांग्रेस और बीजेपी को जीत मिली है, तो दो बार बहुजन समाज पार्टी और एक-एक बार जनता दल और जनता पार्टी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. ऐसे में इस बार बाजी किसके हाथ लगेगी कल पता चलेगा. 2018 में ऐदल सिंह कंसाना ने तब बीजेपी में रहे अजब सिंह कुशवाहा को हराया था.
4. बमोरी में केवल दल बदले प्रत्याशी नहीं
गुना जिले की बमोरी विधानसभा सीट भी सिंधिया की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखी जा रही है. यहां शिवराज सरकार में पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का मुकबला कांग्रेस के कन्हैयालाल अग्रवाल से हुआ है. दोनों प्रत्याशियों के दल-बदलकर मैदान में उतरने से मुकाबला कड़ा हुआ.
2018 के नतीजे
2018 में बमोरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस से चुनाव लड़ महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बीजेपी के बृजमोहन आजाद को हराया था. 2018 में इस सीट पर 42 फीसदी वोटिंग हुई थी. तब कन्हैयालाल अग्रवाल बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के चलते निर्दलीय चुनाव लड़ थे और उन्हें 20 हजार से भी ज्यादा वोट मिली थी. इस बार वे महेंद्र सिंह सिसोदिया के खिलाफ कांग्रेस से चुनाव मैदान में उतरे.
5. सुवासरा में किसे मिलेगा आसरा
कमलनाथ सरकार गिराने में हरदीप सिंह डंग का बड़ा हाथ रहा है. बगावत का झंडा सबसे पहले उन्होंने ही उठाया था. कमलनाथ सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए डंग ने विधायकी से इस्तीफे देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया. इस बार हरदीप सिंह डंग का मुकाबला कांग्रेस के राकेश पाटीदार से हुआ है.
2018 के नतीजे
2018 के विधानसभा चुनाव में सुवसरा सीट पर ही सबसे कड़ा मुकाबला हुआ था. तब कांग्रेस में रहे हरदीप सिंह डंग ने बीजेपी के राधेश्याम पाटीदार को महज 350 वोटों के अंतर से हराया था. सामान्य होने के बाद से इस सीट पर जातिगत समीकरण चुनावी नतीजे तय करते हैं. हरदीप सिंह डंग शिवराज सरकार में नवकरणीय ऊर्जा मंत्री है. लिहाजा वे अपनी सीट बचा पाते है या नहीं यह जल्द तय होने वाला है.
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