मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 5 महीने के कार्यकाल में हर माह औसतन 1200 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया है. कोरोना महामारी के कारण बीते चार महीने में जीएसटी से राज्य सरकार को होने वाली आय में 44 फीसदी की गिरावट आई है.
Trending Photos
भोपाल: मध्य प्रदेश की माली हालत पहले ही खस्ता थी, अब कोरोना के कारण राज्य में आर्थिक संकट और गहरा गया है. बीते 23 मार्च को चौथी बार मध्य प्रदेश की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 महीने के कार्यकाल में 6000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुके हैं. शिवराज सरकार खुले बाजार से एक बार फिर 1000 करोड़ रुपए का कर्ज उठाने की तैयारी में है. इसके लिए राजपत्र भी प्रकाशित किया जा चुका है.
राजपत्र के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार आगामी 11 अगस्त को आरबीआई के माध्यम से खुले बाजार से 1000 करोड़ का कर्ज उठाएगी. कर्ज लेने से पहले सरकार ने 31 मार्च 2019 तक अपनी वित्तीय स्थिति का ब्यौरा आरबीआई को दे दिया है. इस ब्यौरे में बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज लेने की तिथि तक 1 लाख 80 हजार 988 करोड़ रुपए का कर्ज है.
छत्तीसगढ़ राजभवन में कोरोना की दस्तक, 15 सुरक्षाकर्मियों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव, राज्यपाल सुरक्षित
कोरोना काल में चरमराई MP की अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 5 महीने के कार्यकाल में हर माह औसतन 1200 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया है. कोरोना महामारी के कारण बीते चार महीने में जीएसटी से राज्य सरकार को होने वाली आय में 44 फीसदी की गिरावट आई है. सरकारी खजाने को करीब 3077 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. जीएसटी कलेक्शन के अलावा कोरोना महामारी से पेट्रोल—डीजल, आबकारी और खनिज विभाग की कर वसूली भी प्रभावित हुई.
WATCH LIVE TV