कोरोना वायरस की वजह से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं. कोरोना को लेकर लोगों अब भी डर बना हुआ है. यही कारण है कि न तो निर्माण कार्य गति पकड़ पा रहे हैं और न ही औद्योगिक गतिविधियां पटरी पर आई हैं.
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भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके चलते सरकार को हर महीने कर्ज लेना पड़ रहा है. अब एक हफ्ते बाद सरकार फिर से 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से टेंडर जल्द भरा जाएगा. सरकार को यह कर्ज 14 अक्टूबर को मिल जाएगा. पिछले 7 महीनों में राज्य सरकार 8500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. इससे पहले सरकार ने 7 अक्टूबर को 1 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था.
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कोरोना वायरस की वजह से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं. कोरोना को लेकर लोगों अब भी डर बना हुआ है. यही कारण है कि न तो निर्माण कार्य गति पकड़ पा रहे हैं और न ही औद्योगिक गतिविधियां पटरी पर आई हैं. जिसके कारण राज्य में करों के कलेक्शन में भी कमी आई है. इसी वजह से सरकार ने इस बार 28 हजार करोड़ रुपये से बजट घटाकर दो लाख पांच हजार करोड़ रुपये से कुछ अधिक रखा है.
राजपत्र के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार आरबीआई के माध्यम से खुले बाजार से 1000 करोड़ का कर्ज उठाएगी. कर्ज लेने से पहले सरकार ने 31 मार्च 2019 तक अपनी वित्तीय स्थिति का ब्यौरा आरबीआई को दे दिया है. इस ब्यौरे में बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज लेने की तिथि तक 1 लाख 80 हजार 988 करोड़ रुपए का कर्ज है. हालांकि अगस्त और अक्टूबर महीने में के कर्ज को मिला दिया जाए तो सरकार 1 लाख 15532 करोड़ का कर्ज ले चुकी है.
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शिवराज सरकार ने इस साल लिया इतना कर्ज
-07 अक्टूबर को 1000 करोड़
-16 सितंबर को 1000 करोड़
-09 सितंबर को 1000 करोड़
-12 अगस्त को 1000 करोड़
-04 अगस्त को 1000 करोड़
-14 जुलाई को 1000 करोड़
-07 जुलाई को 1000 करोड़
-09 जून को 500 करोड़
-02 जून को 500 करोड़
-07 अप्रैल को 500 करोड़
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