MP: सिंधिया के बाद छलका अजय सिंह का दर्द, बोले- कमलनाथ सरकार में नहीं सुनी जाती बात
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MP: सिंधिया के बाद छलका अजय सिंह का दर्द, बोले- कमलनाथ सरकार में नहीं सुनी जाती बात

आपको बता दें कि कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच की कड़वाहट सार्वजनिक हो चुकी हैत्र अब अजय सिंह ने भी कमलनाथ सरकार के खिलाफ बागी रुख अख्तियार कर लिया है.

कांग्रेस नेता अजय सिंह (L). मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ.

सीधी: ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रकरण के बाद अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के एक और पूर्व विधायक का दर्द छलका है. चुरहट से विधायक और नेता प्रतिपक्ष रह चुके अजय सिंह इस बार अपनी ही कमलनाथ सरकार से नाराजगी जाहिर की है. आपको बता दें कि चुरहट असेंबली सीट सीधी जिले में आती है. अजय सिंह मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. उनका कहना है कि वह अपने क्षेत्र सीधी में विकास कार्य कराना चाहते हैं, लेकिन कमलनाथ सरकार में उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है. 

अजय सिंह ने लगाया आवाज नहीं सुने जाने का आरोप
आपको बता दें कि कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच की कड़वाहट सार्वजनिक हो चुकी हैत्र अब अजय सिंह ने भी कमलनाथ सरकार के खिलाफ बागी रुख अख्तियार कर लिया है. बीते शुक्रवार को अजय सिंह सीधी पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा, 'मैं सीधी में विकास कार्य कराना चाहता था. युवाओं को रोजगार देना चाहता था. यहां की सिंचाई व्यवस्था में सुधार करना चाहता था. लेकिन मेरी आवाज अब नहीं सुनी जा रही है.''

ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम कमलनाथ की दो टूक
गौरतलब है कि कुछ समय पहले कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि अगर कमलनाथ सरकार ने वचनपत्र के वादे पूरे नहीं हुए तो वह उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि अगर सिंधिया सड़क पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं.

मंत्री इमरती देवी और दिग्विजय सिंह ने भी दिए थे बयान
इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में गोलबंदी शुरू हो गई थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे की इमरती देवी ने उनका समर्थन करते हुए कहा था कि अगर महाराज सड़क पर उतरे तो उनके साथ पूरी कांग्रेस सड़कों पर होगी. वहीं दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ का समर्थन करते हुए कहा था कि वचनपत्र 5 साल के लिए है, सारे वादे एक बार में पूरे नहीं किए जा सकते.

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