बाढ़ के पानी के चलते कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं फसलों से निकला अनाज पानी में भीगकर खराब हो गया है.
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अजय राठौर/श्योपुरः मध्य प्रदेश में आई बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जो जिले रहे, उनमें श्योपुर भी प्रमुख है. श्योपुर शहर से लेकर गांवों तक तबाही के मंजर दिखाई दे रहे हैं. बाढ़ग्रस्त इलाकों के लोग अभी भी राहत की बाट जोह रहे हैं. दरअसल बाढ़ को आए 5-6 दिन गुजर गए हैं लेकिन अभी तक पीड़ितों के पास सरकारी मदद नहीं पहुंची है.
बाढ़ से बेपटरी हुआ जीवन
बाढ़ के चलते श्योपुर में कई लोगों का जीवन बेपटरी हो गया है. शहर के निचले इलाके और सैकड़ों गांव पानी में डूबे नजर आ रहे हैं. लोग अपना घर-बार छोड़कर खुले में रहने को मजबूर हैं. कई लोग सड़क किनारे तिरपाल में रह रहे हैं. बाढ़ के पानी के साथ लोगों का घर-राशन-मवेशी सब बह गए हैं. यही वजह है कि लोगों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है. लोग खाने और पीने के पानी के भी मोहताज हो गए हैं.
बाढ़ के पानी के चलते कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं फसलों से निकला अनाज पानी में भीगकर खराब हो गया है. मवेशियों के मरने से इलाके में बीमारियों के फैलने का खतरा है. प्रशासन द्वारा जिन इलाकों में पानी उतर गया है, वहां साफ-सफाई का काम किया जा रहा है. बाढ़ में अपना सबकुछ गंवा चुके लोगों के लिए राहत की बात ये है कि उनकी जान बच गई. फिलहाल लोगों को अब सरकारी मदद का इंतजार है, ताकि वह अपनी जिंदगी को फिर से शुरू कर सकें.
बता दें कि अभी सर्वे का काम चल रहा है. जिसके आधार पर ही बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा. सीएम शिवराज ने 11 विभागों के अधिकारियों को मिलाकर एक टास्क फोर्स बनाई है, जो बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए ही काम कर रही है.