Devkinandan Thakur: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के एक बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है. बीजेपी और कांग्रेस के साथ-साथ साधु संत भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
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MP Politics: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर अपने एक बयान के बाद फिर सुर्खियों में हैं. उनका कहना है कि सदन में भी धर्माचार्य होना चाहिए, इसलिए कम से कम 50 से 55 धर्माचार्य सदन में जाने चाहिए. उनके इस बयान पर मध्य प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है. बीजेपी एक तरफ जहां उनके बयान के समर्थन में नजर आ रही है तो कांग्रेस ने उनसे चुनाव लड़ने की बात कह दी. जबकि साधु संत भी देवकीनंदन ठाकुर के बयान का समर्थन करते नजर आ रहे हैं, जिससे उनका यह बयान फिलहाल प्रदेश की सियासत में चर्चा में आ गया है.
देवकीनंदन ठाकुर ने दिया था धर्माचार्य वाला बयान
दरअसल, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का उदाहरण देते हुए कहा था कि सदन में भी 50 से 55 धर्माचार्य जाने चाहिए. यूपी में हमने एक बाबा बैठा रखा है. पूरे प्रदेश में विकास ही विकास चल रहा है. लेकिन जब कोई उधम मचाता है तो फिर बुलडोजर चलता है, जिसका मतलब है धर्म और कर्म. इसलिए सदन में जब धर्माचार्य जाएंगे तो लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे कानून बनेंगे और नए मार्ग खुलेंगे.' देवकीनंदन ठाकुर के इस बयान पर लोग अब प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं.
संतों ने भी किया समर्थन
देवकीनंदन ठाकुर के बयान का समर्थन संतों ने भी किया है. आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद उर्फ आचार्य शेखर महाराज का कहना है कि हम तो चाहते हैं कि सदन में 50 क्या 200 धर्माचार्य जाने चाहिए. क्योंकि हमारी ऋषि परंपरा रही है, भगवा की परमपरा रही है. जिसके कपड़ो में जेब ही नहीं होगी तो न्याय पूर्ण कार्य होंगे. योगी और मोदी का होना हमारे लिए सौभाग्य है, प्रत्येक राज्य से ही नहीं हर विधानसभा से भगवा धारी सदन में होना चाहिए. जिस देश की शिक्षा, संस्कृति बिगड़ी उसके लिए शिवाजी, महाराणा जैसे योद्धा सामने आए तो राष्ट्र के लिए संतो को समय आ अनुसार जाना चाहिए.'
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भाजपा पर साधु संतो की छाप
देवकीनंदन ठाकुर के बयान पर बीजेपी ने भी समर्थन जताया है. बीजेपी प्रवक्ता मिलन भार्गव का कहना है कि 'लोकतंत्र में सभी को अपने विचार रखने का अधिकार है, भाजपा पुराना इतिहास को लेकर चलने का काम कर रही है, भाजपा में साधु संतों की छाप रहती है लेकिन लोकतंत्र में जनता ही अपना प्रतिनिधि चुनती है.'
कांग्रेस बोली चुनाव लड़ना चाहिए
वहीं देवकीनंदन ठाकुर के बयान पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस के पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने कहा 'उनका अपना मत है लोकतंत्र में सबको अधिकार है, चुनाव लड़ने के बाद जनता तय करती है कौन जाएगा सदन में जाएगा और कौन नहीं. 50 क्या 80 परसेंट भी जा सकते हैं, सभी लोगों के लिए खुला मैदान है. देवकीनंदन जी को भी चुनाव लड़ना चाहिए, यह जनता तय करेगी किसको सदन में भेजना है और किसको नहीं. विकास के नजरिया सबका अलग हो सकते हैं योगी जी भी जनता के बीच में से चुनकर आए हैं वैसे ही देवकीनंदन ठाकुर भी चुनकर आ सकते हैं. उन्हें राजनीति में आना है तो उनका भी स्वागत है वो सीट तय करें और चुनाव लड़े पार्टी तो जनता के बीच रहने वाले को उम्मीदवार बनाती है.
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