मध्य प्रदेश: अमल में आने से पहले ही बंद हुई ट्रेनों में चंपी-मालिश की योजना
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मध्य प्रदेश: अमल में आने से पहले ही बंद हुई ट्रेनों में चंपी-मालिश की योजना

 रेल मंडल के फैसले की जानकारी मिलने पर इंदौर के सांसद शंकर लालवानी सहित कई अन्य लोगों ने इस नई व्यवस्था का विरोध करते हुए सवाल उठाए थे. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में रेल मंत्रालय और मंत्री को भी ट्वीट किए थे.

 मालिश सुविधा लेने के एवज में यात्री को 100 रुपये से 300 रुपये तक का भुगतान करना था.

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर से होकर जाने वाली 39 ट्रेनों के यात्रियों के लिए शुरू की जाने वाली 'सिर की चंपी (मालिश) और पैरों की मालिश' अमल में आने से पहले ही रद्द कर दी गई है और ठेका निरस्त कर दिया गया है. पश्चिम रेलवे रतलाम रेल मंडल ने इंदौर से चलने वाली 39 यात्री गाड़ियों में यात्रियों के लिए सिर की चंपी (मालिश) और पैरों की मालिश सुविधा शुरू करने के लिए योजना बनाई थी और उसे 'शुरू करने की प्रक्रिया भी' शुरू हो गई थी. रेल मंडल के फैसले की जानकारी मिलने पर इंदौर के सांसद शंकर लालवानी सहित कई अन्य लोगों ने इस नई व्यवस्था का विरोध करते हुए सवाल उठाए थे. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में रेल मंत्रालय और मंत्री को भी ट्वीट किए थे.

कई लोगों ने जहां इस सेवा को बुजुर्ग यात्रियों के लिए अच्छा बताया था, वहीं बड़ी संख्या में लोगों का कहना था कि मालिश की सेवा ट्रेन में शुरू किए जाने से यात्रा कर रही महिला यात्रियों को असहजता होगी. रेल मंडल के जनसपंर्क अधिकारी जितेंद्र कुमार जयंत ने रविवार को आईएएनएस को बताया, "यात्रियों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए पूर्व में लिया गया फैसला और ठेका भी निरस्त किया गया हैं." 

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मसाज की योजना को मंजूरी नई इनोवेटिव नॉन-फेयर रेवेन्यू आइडिया स्कीम (एनआईएनएफआरआईएस) पॉलिसी के तहत दी गई थी. मालिश सुविधा लेने के एवज में यात्री को 100 रुपये से 300 रुपये तक का भुगतान करना था. मालिश की अवधि 15 से 20 मिनट के बीच तय की गई थी, यात्रियों को यह सुविधा ट्रेनों में सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक मिलना तय था. 

(इनपुटः आईएएनएस)

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