MP NEWS: 152 लोगों ने की घर वापसी, कहा- बहला-फुसला कर बनाया जाता था शिकार
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2024170

MP NEWS: 152 लोगों ने की घर वापसी, कहा- बहला-फुसला कर बनाया जाता था शिकार

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के बैतूल और महाराष्ट्र के अमरावती जिले के बॉर्डर से लगे दर्जनों गांव के सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में घर वापसी की है. सावलमेंढा के रामदेव बाबा संस्थान में दोनों जिलों के 152 लोगों ने हिंदू रीति रिवाज के साथ घर वापसी की है.

MP NEWS: 152 लोगों ने की घर वापसी, कहा- बहला-फुसला कर बनाया जाता था शिकार

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के बैतूल और महाराष्ट्र के अमरावती जिले के बॉर्डर से लगे दर्जनों गांव के सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में घर वापसी की है. सावलमेंढा के रामदेव बाबा संस्थान में दोनों जिलों के 152 लोगों ने हिंदू रीति रिवाज के साथ घर वापसी की है. इन लोगों के हाथ में कलावा बांधकर, गंगा जल पिलाकर और पैर पखार कर हिंदू धर्म में घर वापसी करवाई गई. लोगों को आरोप है कि इन्हें बहला फुसला कर ईसाई मिशनरियों द्वारा अपना शिकार बनाया गया था. दावा है कि लालच की वजह से इन लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन किया था. 

अब यह लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे. वहीं अपनी समाज और रिश्तेदारों से भी दूर होते जा रहे थे. लिहाजा उन्होंने वापस हिंदू धर्म में घर वापसी का फैसला किया है. बीते दो दिनों में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के 152 लोगों ने बकायदा हिंदू रीति रिवाज से घर वापसी की है. इस क्षेत्र के ग्रामीणों की माने तो मिशनरी के प्रमोटर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे गरीब और जरूरतमंद लोगों को बाकायदा एक षड्यंत्र के साथ बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करने के लिए राजी कर लेते हैं. धर्म परिवर्तन करने के लिए मकान, पैसे, नौकरी और बीमारी ठीक करने के वादे किए जाते हैं. 

धर्म परिवर्तन के बाद पूरा नहीं करते वादा
धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने बताया कि बैतूल और अमरावती जिले के दर्जनों गांव में कई परिवार ईसाई मिशनरियों के प्रमोटरों के षड्यंत्र में फंस चुके हैं. जो लोग अपना धर्म परिवर्तन करवा लेते हैं उन्हें ग्रामीणों द्वारा सामाजिक रूप से अलग कर दिया जाता है. उनके किसी भी कार्यक्रम में ग्रामीण सम्मिलित नहीं होते हैं. वहीं शादी विवाह में भी इन लोगों के साथ संबंध नहीं रखते हैं. जो वादा मिशनरी के प्रमोटर इन भोले भाले लोगों को देते हैं वह धर्म परिवर्तन करने के बाद पूरा नहीं होता है, जिससे ग्रामीणों के सामने वापस अपने धर्म में आने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है. 

समझाइश के बाद अपना रहे हिंदू धर्म
लोगों ने बताया कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें मानसिक रूप से तैयार करने में क्षेत्र के कुछ लोग लगातार काम कर रहे हैं. उन्हीं लोगों की समझाइश के बाद बड़ी संख्या में लोग अब घर वापसी करने लगे हैं और हिंदू धर्म रीति रिवाज अपनाने लगे हैं.

रिपोर्ट: रूपेश कुमार, बैतूल

Trending news