22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा. पूरे देश में इसे लेकर तैयारियां जोर पर हैं. वहीं रामलला की मूर्ति का चयन भी किया जा चुका है.
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Ayodhya Mein Siya Ram: 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा. पूरे देश में इसे लेकर तैयारियां जोर पर हैं. वहीं रामलला की मूर्ति का चयन भी किया जा चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए मुगल शासक बाबर की जन्मभूमि उज्बेकिस्तान से भी जल आया है. जी हां, कुल 155 देशों से रामलला के लिए पवित्र जल को लगाया गया है.
बता दें कि पाकिस्तान, चीन, दुबई समेत अंटार्कटिका के जल से भी श्रीराम का अभिषेक किया जाएगा. बता दें कि 2023 अप्रैल में दिल्ली के पूर्व भाजपा विधायक विजय जौली 156 देशों से लाए गए पवित्र जल को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिले थे.
बाबर के देश से भी आया जल
आपको जानकार हैरानी होगी कि मुगल शासक बाबर की जन्मभूमि उज्बेकिस्तान से भी जल लाया गया है. बाबर के देश ईरान और पाकिस्तान के पवित्र जल से भी प्रभु श्री राम का अभिषेक किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट की माने तो मुगल शासक बाबर की जन्मभूमि उज्बेकिस्तान से भी जल लाया है. यह दावा दिल्ली के पूर्व विधायक डॉ़ विजय जौली का है. इसके अलावा पाकिस्तान, चीन, दुबई समेत महाद्वीप अंटार्कटिका के जल को भी बुलवाया गया है.
मुस्लिम देश से भी आया नदी
सऊदी अरब से हिंदुओं ने, तो ईरान से मुस्लिम महिलाओं ने रामलला के लिए जल भेजा है. इसके अलावा कजाकिस्तान से ताज मोहम्मद ने वहां की प्रमुख नदी का जल भेजा है. वहीं सिंधियों ने बेहद सावधानी बरतते हुए पाकिस्तान की रावी नदी का पवित्र जल अयोध्या के लिए भेजा है.
23 जनवरी से आम भक्तों को देंगे रामलला देंगे दर्शन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से देश ही नहीं बल्कि विदेश के राम भक्त भी अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं. ट्रस्ट ने ये तैयारी की है कि प्रतिदिन 3 लाख से ज्यादा भक्तों को रामलला के दर्शन कराएं जा सकें. राम भक्तों को दर्शन के बाद प्रसादी वितरण भी किया जाएगा.