MP News: ये कैसी स्मॉर्ट सिटी? 110 बस स्टॉपेज सिर्फ कागजों पर, यात्री बैंच की जगह चस्पा है विज्ञापन
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MP News: ये कैसी स्मॉर्ट सिटी? 110 बस स्टॉपेज सिर्फ कागजों पर, यात्री बैंच की जगह चस्पा है विज्ञापन

एमपी का ग्वालियर एक मात्र ऐसा स्मार्ट सिटी है, जहां आपको बिना सिटी बसों के संचालन के ही बस स्टॉपेज देखने को मिल जाएंगे. ग्वालियर में 110 के करीब ऐसे बस स्टॉपेज हैं, जहां से बसों का संचालन नहीं होता है.

MP News: ये कैसी स्मॉर्ट सिटी? 110 बस स्टॉपेज सिर्फ कागजों पर, यात्री बैंच की जगह चस्पा है विज्ञापन

Gwalior Smart City: एमपी का ग्वालियर एक मात्र ऐसा स्मार्ट सिटी है, जहां आपको बिना सिटी बसों के संचालन के ही बस स्टॉपेज देखने को मिल जाएंगे. ग्वालियर में 110 के करीब ऐसे बस स्टॉपेज हैं, जहां से बसों का संचालन नहीं होता है. कुछ तो ऐसे स्टॉपेज बनाए गए हैं, जहां दूर-दूर तक सिटी बस चलने की संभावना नहीं दिख रही है. 

दरअसल, स्मार्ट सिटी ग्वालियर में कई ऐसे बस स्टॉपेज बनाए गए हैं, जहां से सिटी बसों का संचालन नहीं होता है. यहां तक इन बस स्टॉपेजों पर नियमित साफ-सफाई तक नहीं होती है. इन बस स्टॉप को सिटी बसों और यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि निगम की आय बढ़ाने के लिए विज्ञापन के लिए बनाया गया. 

जानकारी के मुताबिक, निगम ने दो फेज में इंदौर की ऐसेंट ब्रांड कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. निगम ने अनुबंध में 500-500 वर्गफीट जमीन हर बस स्टॉप के लिए कंपनी को दी हुई है. इसमें से पहले फेज में 30 और दूसरे में 100 की जगह सिर्फ 85 स्टॉपेज ही बनाए गए. अनुबंध के शर्त के मुताबिक,  500 वर्ग फीट एरिया में से 15% (75 वर्ग फीट) पर निगम का विज्ञापन किया जाना है. लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के वजह से कंपनी अनुबंध को नजर अंदाज कर रही है.

अधिकारियों ने नहीं की कार्रवाई

बता दें कि कंपनी अनुबंध का पालन कर रही है या नहीं इसकी जिम्मेदारी  नोडल अधिकारी सतेंद्र भदौरिया, अपर आयुक्त अनिल दुबे की थी. लेकिन दोनों अधिकारियों में किसी ने कंपनी पर कार्रवाई नहीं की. जिसके चलते निगम को रेवेन्यु का लगातार नुकसान हो रहा है. वहीं, इसको लेकर अपर आयुक्त अनिल दुबे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बस स्टॉप को लेकर कंपनी अनुबंध का पालन नहीं कर रही है. जल्द ही इसे चेक कराकर नोटिस जारी करेंगे.

200-200 मीटर पर बस स्टॉप

राजमाता चौराहे से तानसेन रेसीडेंसी तक 200-200 मीटर पर 3 बस स्टॉप बनाए गए है. लेकिन यहां साफ-सफाई तक नहीं होती है. वहीं, सिटी सेंटर मार्ग स्थित वन विभाग के ऑफिस के बाहर बनाए गए बस स्टॉप पर बैंच तक नहीं लगी है. वहीं, तानसेन रेसीडेंसी के बाहर बने बस स्टॉप पर सिर्फ निजी कंपनियों के विज्ञापन हैं. ऐसे ही हालात शहर के अन्य बस स्टॉपेजों की भी है. कई ऐसे बस स्टॉपेज हैं, जहां आपको यात्री की जगह आपको निजी कंपनियों के विज्ञापन देखने को मिल जाएंगे. 

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