Bhopal Metro के लिए 300 से ज्यादा निजी जगहों का होगा अधिग्रहण, जानिए किस आधार पर मिलेगा मुआवजा?
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2323508

Bhopal Metro के लिए 300 से ज्यादा निजी जगहों का होगा अधिग्रहण, जानिए किस आधार पर मिलेगा मुआवजा?

Bhopal Metro project News: मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने भोपाल मेट्रो परियोजना के लिए 300 से अधिक निजी भूखंडों की पहचान की है. सैटेलाइट इमेज का उपयोग करके 2020 के भूमि आकार के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा. भूमि अधिग्रहण का बजट 446 करोड़ रुपये है.

Bhopal Metro project Compensation

Bhopal Metro project Compensation: भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट (Bhopal Metro project) को लेकर बहुत ही जरूरी खबर सामने आई है. भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 300 से ज्यादा निजी जगहों का अधिग्रहण किया जाएगा. मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPMRCL) ने इन जगहों की पहचान कर ली है. मुआवजा 2020 में जमीन के आकार के आधार पर दिया जाएगा. इसके लिए एमपीएमआरसीएल 2020 की तस्वीरों और सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल करेगी. एमपीएमआरसीएल ने सामाजिक प्रभाव आंकलन (social impact assessment) और पुनर्वास योजना (rehabilitation plan) पर भी काम शुरू कर दिया है.

25 वर्षों तक भोपाल पर शासन करने वाली महिला शासक, जो बनीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पहली महिला चांसलर

इन लोगों को लग सकता है झटका
MPMRCL ने 300 से अधिक निजी संपत्तियों की पहचान की है, जिन्हें परियोजना के लिए अधिग्रहित करने की आवश्यकता होगी. रिपोर्टों से पता चलता है कि MPMRCL इन संपत्तियों के वर्ष 2020 में आकार के आधार पर पर्याप्त मुआवजा देगा. इस मुआवजे को निर्धारित करने के लिए, MPMRCL उस अवधि से ऐतिहासिक और उपग्रह इमेजरी (satellite imagery) का उपयोग करेगा. बता दें कि इस निर्णय उन लोगों को झटका लग सकता है जिन्होंने वर्तमान आकार के आधार पर अधिक मुआवजे की उम्मीद में अपनी संपत्तियों का विस्तार किया था.

अधिग्रहण के लिए तैयारी शुरू 
MPMRCL ने इस अधिग्रहण के लिए तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें सामाजिक प्रभाव आकलन और पुनर्वास कार्य योजना शामिल है. 2018 में, मेट्रो परियोजना के पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण अपेक्षाकृत आसान था क्योंकि अधिकांश आवश्यक भूमि सरकारी स्वामित्व वाली थी या उस पर अतिक्रमण किया गया था. इस बार, शामिल क्षेत्र घनी आबादी (densely populated) वाले हैं. भूमि अधिग्रहण की लागत 6 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसका कुल बजट 446 करोड़ रुपये है. MPMRCL ने मेट्रो डिपो से करोंद तक 373 निजी संपत्तियों की पहचान की है, जिसमें भोपाल रेलवे स्टेशन क्षेत्र भी शामिल है. इनमें से 100 संपत्तियां काफी बड़ी हैं. 

बता दें कि इन क्षेत्रों में विवादों और मुद्दों को सुलझाने के लिए एडीएम के मार्गदर्शन में काम करने वाली टीमें बनाई गई हैं. वर्तमान में, एमपीएमआरसीएल का ध्यान एम्स और करोंद चौराहे के बीच निर्माण पर है, जहां विरोध की कोई खबर नहीं है. फूलबाग, ऐशबाग, गल्ला मंडी, भोपाल स्टेशन, नादिरा बस स्टैंड, सिंधी कॉलोनी, डीआईजी बंगला और कृषि मंडी जैसे क्षेत्रों में मामूली चुनौतियों की आशंका है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर किसी संपत्ति की रजिस्ट्री अधूरी भी है, तो भी मालिक को मुआवजा मिलेगा.

Trending news