इंदौर में कल बीजेपी महिला मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई. इसमें सीएम शिवराज, वीडी शर्मा समेत कई दिग्गज शामिल हुए. BJP का प्रदेश में महिला ब्रिगेड बनाने पर जोर है. संगठन से महिलाओं को जोड़ने पर रणनीति तैयार की गई है.
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भोपाल: इंदौर में कल बीजेपी महिला मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई. इसमें सीएम शिवराज, वीडी शर्मा समेत कई दिग्गज शामिल हुए. BJP का प्रदेश में महिला ब्रिगेड बनाने पर जोर है. संगठन से महिलाओं को जोड़ने पर रणनीति तैयार की गई है. हमारे देश की राजनीति में महिलाएं और उनसे जुड़े मुद्दों को चुनाव करीब आते ही हमेशा हवा दी जाने लगती है. हर राजनीतिक दल महिला वोटर्स को लुभाने के लिए सारे पैंतरे अपना लेता है. 2022 में यूपी के विधानसभा चुनाव को ही देखें तो महिलाओं के मुद्दे को कांग्रेस ने भुनाने की पूरी कोशिश की. जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां योगी सरकार को महंगाई, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर घेर रही थी तो कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी चुनाव में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने के प्रलोभन दिखा रही थीं. देश की करीब आधी आबादी, जिन्हें साइलेंट वोटर कहा जाता है यानि महिला वोटर्स उन्होंने ही पिछले कई लोकसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाई थी.
महिला वोटर्स के आंकड़ें
देश की महिला वोटर्स चुनावी गणित को खासा प्रभावित कर सकती हैं. इस बार भी सियासी संग्राम में महिलाओं के मुद्दों पर खास नजर होगी. ऐसे में देखिए 2018 विधानसभा के समय के आंकड़ों को देखें तो देश और प्रदेश में महिला वोटर्स का आंकड़ा और उनकी स्थिति. चुनाव आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 2018 में पुरुष मतदाताओं की संख्या में तीन लाख छह हजार की वृद्धि हुई थी. वहीं महिलाओं मतदाताओं की संख्या भी पांच लाख 88 हजार बढ़ी थी. इसी के साथ थर्ड जेंडर मतदाता भी 124 बढ़े थे.
मध्यप्रदेश में महिला मतदाता-
कुल मतदाता - 5 करोड़ 3 लाख 94 हजार 86
महिला मतदाता - 2 करोड़ 40 लाख 77 हजार 7 सौ 19
पुरुष मतदाता - 2 करोड़ 63 लाख 14 हजार 9 सौ 57
युवा मतदाता - 1 करोड़ 37 लाख 83 हजार
छत्तीसगढ़ की राजनीतिक जमीन पर नजर डालें तो कई विधानसभा सीटें हैं जहां महिला मतदाता चुनाव पर खासा प्रभाव डालती हैं. प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से डेढ़ दर्जन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की हार और जीत का फैसला महिला मतदाताओं के हाथ में बताया जाता है.
छत्तीसगढ़ में महिला मतदाता
राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक प्रदेश में कुल एक करोड़ 81 लाख 79 हजार 435 मतदाता हैं.
पुरुष मतदाता 91 लाख 46 हजार 99 है
महिला मतदाता 91 लाख 32 हजार 505 है
महिला मतदाताओं पर भरोसा बढ़ा
समय के साथ राजनीतिक पार्टियों में महिला मतदाताओं की रुचि बढ़ रही है. वो बढ़-चढ़कर वोट डालने के लिए भी पहुंचती हैं और देश प्रदेश के मुद्दों पर फोकस भी करती हैं. महिला प्रत्याशियों की बात करें तो 2018 के एमपी विधानसभा चुनाव में 250 महिलाएं मैदान में उतरी थीं. भाजपा ने 23 और कांग्रेस ने 28 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था. उनमें से 20 महिला उम्मीदवार ही जीत पायी थीं. भाजपा से 11 महिला प्रत्याशी, कांग्रेस से 9 और बसपा से 1 महिला प्रत्याशी जीती थीं. 2013 के चुनाव में 200 महिला उम्मीदवारों में से 30 महिलाओं पर ही मतदाताओं ने भरोसा जताया था. इसमें बीजेपी की 22,कांग्रेस से 6 और बसपा से 2 महिला जीती थीं.
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