Chhattisgarh News: भिलाई में नगर निगम के खिलाफ बीजेपी ने जमकर हल्ला बोला है. बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने निगम का घेराव करते हुए शहर की कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.
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हितेश शर्मा/दुर्ग: छत्तीसगढ़ के लिए 2023 का साल चुनावी साल है. इस चुनावी साल में बीजेपी पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रही है. भारतीय जनता पार्टी के द्वारा भिलाई नगर निगम का घेराव कर हल्ला बोल प्रदर्शन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता और आम जनता सहित बीजेपी के सभी 26 पार्षद मौजूद रहे.
दरअसल पिछले दिनों 2 जून को भारतीय जनता पार्टी के भिलाई नगर निगम के सभी 26 पार्षदों ने भिलाई नगर निगम के आयुक्त से मिलकर 18 बिंदु शिकायतों को लेकर नगर निगम के आयुक्त को ज्ञापन सौंपा था और भिलाई नगर निगम के क्षेत्रों की समस्या से आयुक्त को अवगत कराया था. जिसके बाद बीजेपी के पार्षदों ने 4 दिनों का अल्टीमेटम दिया था. इन 4 दिनों में किसी भी तरह से उनके उनके द्वारा दिए गए ज्ञापन पर कोई सुधार नहीं हुआ तो आज बीजेपी के सभी 26 पार्षदों ने मिलकर जमकर हल्ला बोल प्रदर्शन किया.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लगाया आरोप
सड़क बिजली पानी और सफाई व्यवस्था को लेकर भिलाई नगर निगम के अलग-अलग वार्डों में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए भाजपा पार्षद व उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह के नेतृत्व में बीजेपी पार्षदों ने आयुक्त से मुलाकात कर अल्टीमेटम दिया था. बीजेपी पार्षदों का आरोप है कि कांग्रेस की शहरी सत्ता बीजेपी के वार्ड पार्षदों और बीजेपी शासित वार्डों में किसी भी तरह से विकास कार्य नहीं किया जा रहा है.बीजेपी पार्षदों के तमाम वार्डो में कई प्रकार की गंभीर समस्या है जिनका समाधान नहीं हो रहा है.
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कांग्रेस सरकार कुछ नहीं कर रही
भिलाई नगर निगम के अलग-अलग वार्डों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं व्याप्त है. लोगों को छोटी-छोटी चीजों के लिए परेशानी हो रही है. गर्मी में पेयजल संकट गहरा गया है. आम लोगों को पीने का साफ पानी तक नहीं मिल रहा है. शहर की अंदरूनी सड़कों का बुरा हाल है. सफाई व्यवस्था चौपट है. स्ट्रीट पोलों पर लाइट नहीं है. इस तरह की विभिन्न समस्या है. दया सिंह ने zee media से बात करते हुए बताया कि, 18 माह में समस्याओं के समाधान पर बात ही नहीं हुई है. कमीशनखोरी का खेल चला है. 18 प्रतिशत कमीशन पर काम दिया जा रहा है. निगम प्रशासन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. शहर सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.