Chamatkari Mandir: चमत्कारी है मध्य प्रदेश का ये शिव मंदिर, विरुपाक्ष महादेव के विशेष प्रसाद से होती है संतान प्राप्ति
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Chamatkari Mandir: चमत्कारी है मध्य प्रदेश का ये शिव मंदिर, विरुपाक्ष महादेव के विशेष प्रसाद से होती है संतान प्राप्ति

Virupaksha Mahadev Chamatkari Mandir: मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam) में एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां के शिवरात्री के दो दिन बाद बड़ी संख्या में महिलाएं विशेष प्रसाद के लिए पहुंचती है. मान्यता है कि इस प्रसाद को ग्रहण करने से संतान सुख (Women Get Child By Special Prasad) मिलता है. जानिए इस मान्यता और परंपरा के बारे में...

Chamatkari Mandir: चमत्कारी है मध्य प्रदेश का ये शिव मंदिर, विरुपाक्ष महादेव के विशेष प्रसाद से होती है संतान प्राप्ति

Chamatkari Mandir: चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम। महाशिवरात्रि पर सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहा. बड़ी संख्या में शिव भक्त शिव मंदिर पहुंचे. लेकिन, रतलाम के बिलपांक (Bilpank Ratlam) एक शिव मंदिर ऐसा जहां महाशिवरात्रि से ज्यादा भीड़ 2 दिन बाद होती है. यहां महाशिवरात्रि के दो दिन बाद श्रद्धालुओं का ऐसा जमावड़ा होता है कि भारी पुलिस बंदोबस्त के अलावा यातयात व वाहनों की पार्किंग के लिए भी बड़ी व्यवस्था प्रशासन को करना पड़ती है.

शिव के प्रसाद से मिलता है संतान सुख
रतलाम के बिलपांक के शिव मंदिर विरुपाक्ष महादेव (Virupaksha Mahadev Tempel) पर महाशिवरात्रि के दो दिन बाद हवन पूर्णआहुति कर एक विशेष खीर का प्रसाद महिलाओं को वितरित किया जाता है. मान्यता है कि यहां को प्रसाद पाने के बाद महिलाओं को संतान प्राप्ति (Women Get Child By Special Prasad) होती है. इसमे अलावा नव विवाहित महिलाएं भी भगवान शिव के इस खास प्रसादी को ग्रहण कर स्वस्थ्य संतान प्राप्ति का आशीर्वाद लेती है.

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अन्य प्रदेशों से आते हैं लोग
इस प्रसादी को ग्रहण करने विरुपाक्ष महादेव मंदिर पर खास तौर पर महिलाओं का तांता लगता है और न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि अन्य प्रदेश से भी शिव भक्त व संतान प्राप्ति के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं इस मंदिर पर खीर का प्रसाद लेने पहुंचती है.

इस तरह से तैयार होता है प्रसाद
यह प्रसाद भी भगवान शिव के विशेष आशीर्वाद के लिए हवन की अग्नि पर तैयार किया जाता है. 5 दिन के इस हवन की शुरुआत महाशिव रात्रि के पहले होती है और महाशिवरात्रि के 2 दिन बाद इस हवन की पूर्णाहुति होती है. हवन के दौरान एक लालकपडे में बंधे कलश को हवन कुंड के ऊपर बांधकर उसमें खीर का प्रसाद तैयार किया जाता है. मंत्रोच्चार के साथ अग्नि में आहुतियां दी जाती है और इसी हवन की अग्नि में तपकर तैयार होती है यह विशेष प्रसाद.

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कल दोपहर से मिलेगा प्रसाद
इस बार इस महारुद्र यज्ञ का यह 80वां वर्ष है और कल सोमवार को महारुद्र यज्ञ की पूर्णाआहुति होगी. कल 1 बजे बाद इस प्रशादी का वितरण होगा. इसे पाने के लिए और बिलपांक के विरुपाक्ष महादेव मंदिर पर भक्तों का बड़ा जमावड़ा होगा. इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की होगी.

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