contract workers strike: छत्तीसगढ़ में पिछले करीब 1 महीने से चल रही संविदा कर्मियों की हड़ताल स्थगित हो गई है. कर्मचारियों ने कहा कि जनता की हो रही परेशानी को देखते हुए ये फैसला लिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भूपेश है तो भरोसा है...
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तृप्ति सोनी/रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले करीब 1 महीने से चल रही संविदा कर्मियों की हड़ताल स्थगित हो गई है. संविदा कर्मियों ने ''भूपेश है तो भरोसा है'' की बात कहकर जल्द ही नियमितीकरण की घोषणा होने की उम्मीद की है. हड़ताल स्थगन के जारी पत्र में संविदा कर्मचारियों ने सरकार पर विश्वास जताते हुए जनहित में हड़ताल स्थगित करने का एलान किया है.
बता दें जनघोषणा पत्र में कांग्रेस के वादे के मुताबिक़ 45 हज़ार संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग लेकर 3 जुलाई से संविदा कर्मी हड़ताल में थे. माना जा रहा है कि 15 अगस्त को नियमितीकरण पर कोई फ़ैसला या घोषणा होने की चर्चा तेज है.
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जनता की परेशानी देखकर फैसला
गौरतलब है कि 3 जुलाई से करीब 54 विभागों के 45,000 संविदाकर्मी अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए थे. कर्मचाारियों का कहना है कि जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए उन्होंने आंदोलन खत्म करने का फैसला किया है. उन्हें विश्वास है कि जल्द ही उन्हें नियमित किया जाएगा.
कल ही 211 संविदाकर्मी को किया बर्खास्त
वहीं छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में करीब 211 संविदाकर्मियों पर एस्मा लगाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया. बता दें कि सरकार ने 11 जुलाई को हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया था.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी
वहीं स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी है. हड़ताल की वजह से मंगलवार को मेकाहारा अस्पताल की ओपीडी सेवा बाधित हुई थी और आज इमरजेंसी सेवा भी जूनियर डॉक्टरों ने बंद की. जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल स्थल पर वैकल्पिक ओपीडी की व्यवस्था की है. हड़ताल कर रहे जूनियर डाक्टर स्टाइपेंड बढ़ोतरी सहित कुछ अन्य मांग नहीं माने जाने से आंदोलित हैं.