सीएम ने कहा कि सब बच्चे पढ़ें, क्या दिक्कत है. संस्कृत पढ़ें, भगवान परशुराम को पढ़ें, भगवान राम को पढ़ें, भगवान कृष्ण को पढ़ें, गीता को पढ़ें, इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है!
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प्रमोद शर्मा/भोपालः आज भगवान परशुराम जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजधानी भोपाल के लालघाटी स्थित गुफा मंदिर पहुंचे. वहां उन्होंने परशुराम जन्मोत्सव और अक्षय तृतीया के मौके पर भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज भी उपस्थित रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई बड़े ऐलान किए, जिनमें पुजारियों को 5000 रुपए का मानदेय देने का ऐलान और पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के बारे में पढ़ाए जाने की बात प्रमुख है. आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से प्रदेश के ब्राह्मण वर्ग को साधने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान का यह मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है.
क्या बोले सीएम शिवराज
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि मैं तत्काल पाठ्यक्रम समिति को बुलाकर निर्देश दूंगा कि भगवान परशुराम जी के चरित्र का पाठ पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए. सीएम ने कहा कि सब बच्चे पढ़ें, क्या दिक्कत है. संस्कृत पढ़ें, भगवान परशुराम को पढ़ें, भगवान राम को पढ़ें, भगवान कृष्ण को पढ़ें, गीता को पढ़ें, इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है! यह सनातन संस्कृति है.संस्कृति पढ़ाई जानी चाहिए. उनका चरित्र, उन्होंने जो काम किया, वह सदैव रहने वाले हैं.
संस्कृत पढ़ाई जाएगी
सीएम शिवराज ने कहा कि जब तक पूरे पद नहीं भरे जाएंगे, तब तक हम अतिथि शिक्षक भी संस्कृत के रख लेंगे ताकि तत्काल संस्कृत के प्रति रुचि जागे और हम पढ़ते हुए अपने शास्त्रों के ज्ञान को आगे बढ़ाएं. समाज के कल्याण और धर्म को आगे बढ़ाने के लिए संस्कृत के विद्वान चाहिए. इसलिए संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती शुरू की है. 1900 पद भर लिए हैं और बाकी संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती जारी रहेगी.
पुजारियों को मानदेय
मुख्यमंत्री ने पुजारियों को 5000 रुपए का मानदेय देने का भी बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि कई मंदिर ऐसे हैं जहां दान-दक्षिणा नहीं आती लेकिन फिर भी वहां भगवान की सेवा में पुजारी डटे हैं. ऐसे में सभी पुजारियों को तुरंत 5000 रुपए का मानदेय देना शुरू करते हैं. कार्यक्रम के दौरान स्वामी अवधेशानंद जी ने सीएम की तारीफ की और उन्हें भारत का भविष्य बता दिया.
जातीय समीकरण
बता दें कि मध्य प्रदेश में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 40 लाख यानि कुल मतदाताओं के 10 फीसदी हैं. राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर ब्राह्मण मतदाताओं का खासा प्रभाव है. राज्य में सत्ता पाने के लिए यह वर्ग बेहद अहम माना जाता है. यही वजह है कि सीएम शिवराज के ऐलान को 2023 चुनाव के लिए मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. पिछले चुनाव में ब्राह्मण वर्ग का वोट बंटा था लेकिन पारंपरिक तौर पर यह भाजपा समर्थक वर्ग रहा है. ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि फिर से ब्राह्मण वोटबैंक को पूरी तरह से अपने पाले में किया जाए.