MP News: प्रदेश में कर्ज का बोझ बढ़ा रही शिवराज सरकार! चुनाव से पहले RBI से लेंगे इतने करोड़
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MP News: प्रदेश में कर्ज का बोझ बढ़ा रही शिवराज सरकार! चुनाव से पहले RBI से लेंगे इतने करोड़

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में चुनाव (MP Assembly Election 2023) से पहले शिवराज सरकार (CM Shivraj) लोन पर लोन लिए जा रही है. पिछले तीन में महीने में सरकार ने इतने लोन लिए हैं कि प्रदेश के ऊपर कर्जे का अच्छा खासा बोझ बढ़ गया है. अब चुनाव से ठीक पहले सरकार फिर सरकार RBI से 10 हजार करोड़ को लोन लेने जा रही है.

MP News: प्रदेश में कर्ज का बोझ बढ़ा रही शिवराज सरकार! चुनाव से पहले RBI से लेंगे इतने करोड़

MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव (MP Assembly Election 2023) से पहले अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए शिवराज सरकार (CM Shivraj) एक बार फिर लोन का सहारा लेने जा रही है. पहले से लंबे चौड़े कर्ज में दबी प्रदेश की जनता के ऊपर सरकार एक बार फिर 10 हजार करोड़ का बोझ डालने दा रही है. ये पैसा सरकार रिजर्व बैंक (RBI) से जुलाई से लेकर सितंबर तक 5 किस्तों में लेगी. इसे लेकर RBI ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

अलग-अलग किश्तों में कर्ज लेगी सरकार
जुलाई से लेकर सितंबर तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पांच किश्तों में कर्ज लिया जाएगा. जुलाई में दो हजार करोड़ की पहली किश्त कर्ज के रूप ली जाएगा. इसके बाद अगस्त और सितंबर में 2 बार कर्ज लिया जाएगा. 

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सरकार ने कब कब लिया कर्ज-
-25 जनवरी 2023- 2000 करोड़
-02 फरवरी 2023- 3000 करोड़
-09 फरवरी 2023- 3000 करोड़
-16 फरवरी 2023-3000 करोड़
-23 फरवरी 2023- 3000 करोड़
-02 मार्च 2023- 3000 करोड़
-09 मार्च 2023- 2000 करोड़
-17 मार्च 2023- 4000 करोड़
-24 मार्च 2023- 1000 करोड़
-29 मई 2023- 2000 करोड़
-14 जून 2023- 4000 करोड़

सवा तीन लाख करोड़ का कर्ज
अलग-अलग समय में लिए गए लोन के कारण अभी प्रदेश की जनता के ऊपर सवा तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज हो गया है. लगातार कर्ज लेने का ये सिलसिला बजट सत्र से पहले शुरू हुआ था जो अब तक जारी है. विपक्ष भी सरकार के इतनी बड़ी मात्रा में कर्ज लेने को लेकर हमलावर है.

क्यों पड़ रही है कर्ज की जरूरत
बीते दिनों केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने शिवराज की घोषणाओं के पूरा ना होने पर पत्र लिखा था. शिवराज सरकार की 10 साल की घोषणाएं अभी तक पेंडिंग पड़ी हुई हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शिवराज की खाली पड़ी घोषणाओं को पूरा करने के लिए क्या कर्ज ही एकमात्र ऑप्शन है.

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