MP News: कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को 1 साल की जेल, 13 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला
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MP News: कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को 1 साल की जेल, 13 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला

कोर्ट के फैसले के बाद जीतू पटवारी ने कहा- 'कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं. राहुल गांधी का संघर्ष भी लोगों ने देखा है. उन्हें सजा हुई. उन्हें लोकसभा से निकाला गया. यह केस मेरे ऊपर 2009 में किसानों की लड़ाई के चलते लगा था.

MP News: कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को 1 साल की जेल, 13 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला

MP News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को 1 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. यह फैसला MLA कोर्ट ने सुनाया है. हालांकि, कोर्ट ने टवारी समेत अन्य चार साथियों को जमानत दे दी है.  वकील अजय गुप्ता ने कहा कि आईपीसी की धारा 147 332/149 और 3 लोक संपत्ति अधिनियम के तहत 1 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया गया है. इस फैसले का हम हायर सेशन कोर्ट में 30 दिन के अंदर चैलेंज करेंगे.कोर्ट ने विधायक जीतू पटवारी, कृष्ण मोहन और सुरेंद्र को सजा सुनाई. इस दौरान पटवारी खुद कोर्ट में मौजूद रहे. 

कोर्ट के फैसले के बाद जीतू पटवारी ने कहा- 'कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं. राहुल गांधी का संघर्ष भी लोगों ने देखा है. उन्हें सजा हुई. उन्हें लोकसभा से निकाला गया. यह केस मेरे ऊपर 2009 में किसानों की लड़ाई के चलते लगा था. मैं फिर भी किसानों की लड़ाई लड़ता रहूंगा और मेरी लड़ाई जारी रहेगी.'

जानें पटवारी ने क्या कहा?
पटवारी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनिंदा उद्योगपतियों की पार्टी है, उन्हें आम लोग और किसानों से कोई लेना-देना नहीं है. किसानों के नाम शिवराज जी और मोदी जी दोनों ही झूठ बोलते हैं. आज मुझे किसानों के हक में लड़ाई लड़ने के लिए भाजपा सरकार ने सजा दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ये आने वाले चुनाव में उनकी हार की बौखलाहट का प्रदर्शित कर रहा है.  

क्या है पूरा मामला
2009 में तब यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए जीतू पटवारी ने आंदोलन किया था. यह राजगढ़ में कांग्रेस ने किसानों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था. इस आंदोलन का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कर रहे थे. उस समय सुरेंद्र मरमत राजगढ़ के कांग्रेस प्रभारी थे. कांग्रेस नेता जब कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन दे रहे थे तभी किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसमें दिग्विजय सिंह को भी चोट आई थी. पत्थरबाजी के बाद यह घटना बलवा मेंब बदल गई. 

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