शिवराज सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे, जानिए वजह
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शिवराज सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे, जानिए वजह

अपना इस्तीफा नामूंजर होने से नाराज छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (deputy collector nisha bangre) ने बैतूल के आमला बस स्टैंड से न्याय पद यात्रा शुरू कर दी है. निशा बांगरे अपने हाथ मे भारत का संविधान और भागवत गीता लेकर न्याय यात्रा कर रही है.

शिवराज सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे, जानिए वजह

बैतूल: अपना इस्तीफा नामूंजर होने से नाराज छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (deputy collector nisha bangre) ने बैतूल के आमला बस स्टैंड से न्याय पद यात्रा शुरू कर दी है.  डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने आमला के बस स्टैंड से गणेशजी और माता दुर्गा के दर्शन किए और डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी न्याय पद यात्रा की शुरूआत की है. निशा बांगरे अपने हाथ मे भारत का संविधान और भागवत गीता लेकर न्याय यात्रा कर रही है.

बता दें कि अपने इस्तीफे से प्रदेश में चर्चाओं में आई निशा बांगरे ने इस्तीफा स्वीकार करने की मांग को लेकर यह न्याय पद यात्रा शुरू की है. आमला से शुरू हुई यात्रा मुख्यमंत्री निवास भोपाल तक जाएंगी. 135 किमी लंबी यह न्याय यात्रा अगल-अलग पड़ाव में 11 दिनों में भोपाल सीएम हाउस पहुंचेगी.

भूख हड़ताल भी शुरू
इधर आमला के जनपद चौक पर निशा के समर्थक आज से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी शुरू कर रहे हैं. भूख हड़ताल के पहले दिन निशा बांगरे के मामा किशोर मेसराम हड़ताल पर बैठें है. उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक रोजाना क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी.

सरकार ने इस्तीफा किया नामंजूर
दरअसल डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे का इस्तीफा सरकार ने मंजूर करने से मना कर दिया था. विभाग ने उनका इस्तीफा यह कहते हुए अमान्य कर दिया कि उन्होंने शासन के निर्देशों की अवहेलना, अनुशासनहीनता और गंभीर कदाचरण किया है.

चुनाव लड़ना चाहती हैं निशा
बता दें कि निशा बांगरे चुनाव लड़ना चाहती हैं, इसलिए वो अपने पद से मुक्त होना चाहती है. निशा ने कहा कि जनप्रतिनिधि बनने हेतु मेरा त्याग-पत्र स्वीकार किया जाए. सिर्फ एक महिला वो भी अनुसूचित जाति की होने के कारण मेरे स्वतंत्रता के अधिकार से मुझे वंचित ना रखा जाए.

कौन हैं निशा बांगरे
निशा बांगरे का जन्म बालाघाट में हुआ था.  इन्होंने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया. हालांकि ये अपने इस काम के अलावा जनसेवा करना चाहती थीं. इस विचार को लेकर इन्होंने  2016 में एमपी पीएससी की परीक्षा दी और इनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ.

रिपोर्ट- रुपेश कुमार

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