देवास में एक महिला ने डॉक्टर को ही हनीट्रैप का शिकार बना लिया और उससे 9 लाख रुपये की वसूली कर ली. वसूली के बाद वह फरार हो गई थी जिसे अब अरेस्ट कर लिया गया है. अब इस मामले में कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है.
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अमित श्रीवास्तव/देवास: एमपी के देवास में चर्चित हनीट्रैप कांड मामले आरोपी महिला को पुलिस ने राजस्थान के भीलवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी महिला को देवास लाया गया जहांं उसे कल कोर्ट में पेश किया जायेगा.
मुख्य आरोपी को किया अरेस्ट
आपको बता दें कि देवास के प्राइम हॉस्पिटल के डॉक्टर पवन चिल्लोरिया से नौ लाख रुपये ब्लैकमेल कर ऐंठने के बाद महिला और देवास के दो डॉक्टर संतोष दाभाड़े और महेंद्र गलोदिया के खिलाफ एफआईआर हुई थी. उसके बाद पुलिस ने हनीट्रैप की मुख्य आरोपी जोया उर्फ़ मोनिशा डेविड को गिरफ्तार कर लिया है.
देवास के डॉक्टर से ऐंठे थे 9 लाख रुपये
अब मुख्य आरोपी जोया की गिरफ्तारी के बाद कई रहस्य से पर्दा उठ सकता है. पुलिस ने फिलहाल जोया को भीलवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया है. देवास के डॉक्टर से हनीट्रैप के बाद 9 लाख रुपये ऐंठे थे.
इस तरह डॉक्टर का हुआ शिकार
लगभग दो महीने पहले शहर में निजी अस्पताल का संचालन करने वाले एक डॉक्टर को रॉन्ग नंबर से फोन आया. कॉल करने वाली अनजान युवती से डॉक्टर ने हाय-हैलाे किया्. इसके बाद युवती आए दिन डॉक्टर को फोन करने लगी और धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती हो गई. इसके बाद युवती और डॉक्टर के बीच वीडियो कॉल और चैटिंग भी होने लगी. इस दौरान युवती ने डॉक्टर के कुछ फोटो और वीडियो बना लिए. इन्हीं फोटो के दम पर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हुआ.
पुलिस ने इन धाराओं में किया था मामला दर्ज
बता दें कि मध्य प्रदेश के देवास से हनीट्रैप का हाईप्रोफाइल मामला सामने आया था. शहर के प्रतिष्ठित निजी नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर पवन कुमार चिल्लौरिया ने कोतवाली थाने में एक शिकायती आवेदन पर दिया था जिसमें उसने भीलवाड़ा निवासी एक महिला और दो डॉक्टरों पर हनीट्रैप मामले में फंसाकर रुपये ऐंठने के आरोप लगाए थे. जांच के बाद सिटी कोतवाली थाने में आरोपी महिला और दो डॉक्टरों के खिलाफ धारा 384,120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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