बागेश्वर धाम पहुंची बच्ची की मौत! धीरेन्द्र शास्त्री की भभूती न आई काम, बोले -शांत हो गई है ले जाओ...
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बागेश्वर धाम पहुंची बच्ची की मौत! धीरेन्द्र शास्त्री की भभूती न आई काम, बोले -शांत हो गई है ले जाओ...

बाबा के धाम पहुंची बच्ची को मिर्गी के दौरे आ रहे थे. बाबा ने भभूति दी और कहा बच्ची शांत हो गई है.इसे ले जाओं. बच्ची की दूसरे दिन दोपहर में आंख लग गई परिवार को संदेह हुआ तो अस्पताल लेकर पहुंचे. बच्ची को डॉक्टरों ने अस्पताल में मृत घोषित किया.

Death of 10 year old girl in Bageshwar Dham

Death of 10 year old girl in Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ दिनों से बहुत ज्यादा सुर्खियों में हैं और उनसे जुड़ी कई खबरें आए दिन आती रहती हैं. अब वह फिर एक बार सुर्खियों में आ गए हैं. गौरतलब है कि वो अपने कथित चमत्कारों के कारण वह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए हैं. जिससे चलते कई श्रद्धालु बाबा के धाम में अपने परेशानियों को दूर करने को लेकर आते हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में ऐसा दावा किया गया है कि एक 10 साल की बच्ची को उसके परिजन बाबा के धाम लेकर आए. जिसे मिर्गी के दौरे पड़ते थे और बाबा के धाम पहुंची लड़की की मृत्यु हो गई.आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...

जानिए पूरा मामला
दैनिक भास्कर जैसे कई मीडिया वेबसाइट्स के मुताबिक, विष्णु कुमारी राजस्थान के बाड़मेर की रहने वाली थी. जिसे उसके पिता बुधराम, मां धम्मू देवी व मौसी गुड्डी 17 फरवरी को बाबा के धाम, उसे लेकर आए थे. बच्ची के परिजनों के मुताबिक जब वे बच्ची को लेकर आए थे. तब भी उसे मिर्गी की बीमारी थी. लड़की के पिता ने बताया कि हमने धीरेंद्र शास्त्री बाबा के चमत्कारों के बारे में बहुत सुना था, इसलिए हमें अपनी लड़की की बीमारी राहत के लिए बागेश्वर धाम लाना चाहिए.

धीरेन्द्र शास्त्री ने दी भभूति
मृतका की मामी गुड्डी ने बताया कि वो डेढ़ साल से बाबा के धाम आ रही हैं. बच्ची को मिर्गी की समस्या थी. इसलिए, उसे बाबा के धाम लेकर आएं थे. जब बच्ची बाबा के धाम पहुंची तो बाबा धीरेन्द्र शास्त्री ने उन्हें भभूति दी थी और बाबा ने कहा था कि बच्ची शांत हो गई, इसे ले जाओ.

मिर्गी के दौरे लगातार आ रहे थे
बच्ची के परिजनों के मुताबिक, धाम में आने के बाद बच्ची को लगातार मिर्गी के दौरे आते रहे और बच्ची रात भर जागी रही. दूसरे दिन जब उसकी दोपहर में आंख लग गई तो परिजनों को लगा कि बच्ची सो गई है, लेकिन कुछ समय बीत जाने के बाद जब शरीर में हलचल नहीं हुई तो परिजनों को संदेह हुआ. फिर वे आनन- फानन में बच्ची को जिला अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया. फिर वे मध्यप्रदेश से बच्ची को प्राइवेट एंबुलेंस में राजस्थान लेकर गए.

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