Farmer Good News: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए जरूरी खबर है. क्योंकि प्रदेश में धान, बाजरा और ज्वार खरीदी की तारीख तय कर दी गई है. इस बार की धान खरीदी में किसानों को एक नई सुविधा भी मिलने जा रही है. सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को धान खरीदी के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं.
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Farmer Good News: आकाश द्विवेदी/भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि प्रदेश के किसानों का समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का इंतजार अब खत्म होने वाला है. सरकार ने धान खरीदी की तारीख तय कर दी है. खास बात यह है इस बार प्रदेश में धान खरीदी के लिए किसानों को नई सुविधा भी मिलेगी. बता दें कि प्रदेश के किसान MSP पर धान खरीदी का इंतजार कर रहे थे, जिसकी तारीख सरकार ने जारी कर दी हैं.
28 नवंबर से होगी धान की खरीदी
मध्य प्रदेश में 28 नवंबर से धान की खरीदी होगी जो 16 जनवरी तक चलेगी. खास बात यह है कि धान के बाद 1 से 31 दिसंबर तक बाजरा की भी खरीदी होगी. बता दें कि इस बार भी प्रदेश में धान और बाजरे की अच्छी फसल हुई है. ऐसे में किसानों को अच्छी आय की उम्मीद है. प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में धान खरीदी केंद्रों पर पर्याप्त सुविधा की बात कही है. क्योंकि इस बार भी खरीदी केंद्रों पर धान की अच्छी आवक की उम्मीद है.
इस बार उपार्जन में मिलेगी यह नई सुविधा
इस बार सरकार किसानों को धान और बाजरे के उपार्जन में एक नई सुविधा भी देने जा रही है. किसान इस बार से अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार उपार्जन केंद्र का चुनाव कर सकते हैं, यानि किसानों को जिस भी खरीदी केंद्र पर अपनी धान बेचनी है वह वहां धान बेच सकते हैं. क्योंकि अब तक किसानों को उसी केंद्र पर अपनी धान बेचने की अनुमति होती थी, जो उनके क्षेत्र में आते थे. लेकिन इस बार से किसान अपने हिसाब के उपार्जन केंद्र पर धान और बाजरा बेच सकते हैं.
धान और बाजरे का समर्थन मूल्य
मध्य प्रदेश में इस बार धान का समर्थन मूल्य 2040 रुपए प्रति क्विंटल होगा, जबकि ज्वार का समर्थन मूल्य 2970 रुपये प्रति क्विंटल और बाजरे का समर्थन मूल्य 2350 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है. मंत्रालय में खरीफ खरीफ उपार्जन की समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी गई है.
किसानों को इस बार उनकी फसल की राशि का भुगतान आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा, जबकि अब वृद्ध और असक्षम किसान की खरीदी नॉमिनी के माध्यम से भी की जा सकेगी, वहीं हर उपार्जन केंद्र पर बायोमेट्रिक डिवाइस अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा, जहां ओटीपी या बायोमैट्रिक डिवाइस से ही किसानों का सत्यापन होगा. जबकि दिन में तीन बार उपार्जन केंद्र और भंडारण के गोदामों का तीन बार निरीक्षण किया जाएगा. उपार्जन शुरू करने के पहले, उपार्जन के दौरान और उपार्जन के समाप्त होने के बाद निरीक्षण होगा, ताकि खरीदी केंद्र पर किसी प्रकार की कोई परेशानी आती है तो उसे दूर करने का काम किया जा सके.
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