राजनांदगांव में इलाज के दौरान छात्रा की मौत, पिता ने लगाया डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
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राजनांदगांव में इलाज के दौरान छात्रा की मौत, पिता ने लगाया डॉक्टरों पर गंभीर आरोप

 राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मोहला मानपुर क्षेत्र के ग्राम दोडरी निवासी बालिका महिमा नेतामंकी की मौत हो गई. मृतिका के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. 

राजनांदगांव में इलाज के दौरान छात्रा की मौत, पिता ने लगाया डॉक्टरों पर गंभीर आरोप

किशोर शिल्लेदार/राजनांदगांव: राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मोहला मानपुर क्षेत्र के ग्राम दोडरी निवासी बालिका महिमा नेतामंकी की मौत हो गई. मृतिका के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. महिमा को बीते 1 सितंबर को मानपुर के स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया था. लेकिन आज सुबह महिमा ने इलाज़ के दौरान दम तोड़ दिया.

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अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
मृतिका के पिता बीरबल नेताम ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बीरबल नेताम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा उसकी बेटी का सही इलाज़ नहीं किया गया. उसने दूसरे अस्पताल में बेटी का इलाज कराने अस्पताल से डिस्चार्ज करने की गुहार लगाई लेकिन उसकी बेटी को सामान्य वार्ड से आईसीयू में डाल दिया. अस्पताल में और भी मरीज भर्ती है सभी का यही हाल है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उसकी बेटी को नर्स द्वारा गलत इंजेक्शन लगा दिया गया. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.

महीने भर से बीमार थी महिमा
महिमा के पिता ने बताया कि उसकी बेटी महिमा रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रही थी. उसे करीब माह भर से हाथ पैर और पेट दर्द की शिकायत थी. पहले मानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया. दो-चार दिन इलाज कराने के बाद उसे राजनादगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया. उसने बताया कि यहां भर्ती करने के बाद से उसकी बेटी की तबियत और भी बिगड़ने लगी. भर्ती करने के बाद कोई भी डॉक्टर सही तरीके से जांच ही नहीं कर रहे थे. बार-बार बोलने के बाद कुछ दवाइयां और इंजेक्शन देकर चले जाते थे.

अस्पताल के अधीक्षक का इंकार
मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक प्रदीप बेक ने बताया कि महिमा को टीबी की शिकायत थी और उसका टीबी मस्तिष्क तक पहुंच चुका था. उन्होंने खुद उसका इलाज किया था और उनकी जानकारी में था. डॉक्टरों द्वारा उसे बचाने के पूरे प्रयास किया गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. डॉ. प्रदीप बेक ने महिमा को गलत इंजेक्शन लगाए जाने के आरोप से साफ इंकार किया.

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