हिज्ब-उत-तहरीर आतंकी संगठन घोषित, भोपाल से पकड़ाए थे 10 सदस्य, ISIS से जुड़े थे तार
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हिज्ब-उत-तहरीर आतंकी संगठन घोषित, भोपाल से पकड़ाए थे 10 सदस्य, ISIS से जुड़े थे तार

mp news-राजधानी भोपाल सहित मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में सक्रिय रहे हिज्ब-उत-तहरीर को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है. पिछले साल एचयूटी के 16 सदस्यों को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. 

हिज्ब-उत-तहरीर आतंकी संगठन घोषित, भोपाल से पकड़ाए थे 10 सदस्य, ISIS से जुड़े थे तार

madhya pradesh news-कंट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर को केंद्र सरकार ने आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 10 अक्टूबर को एचयूटी पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिसूचना जारी की है.केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर और इसके सभी स्वरूपों और अग्रणी संगठनों को यूएपीए के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया है.  संगठन राजधानी भोपाल समेत मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में सक्रिय रहा है. पिछले साल मध्यप्रदेश एटीएस ने हिज्ब-उत-तहरीर के 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. 

हाल ही में बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट के दौरान एचयूटी चर्चा में आया था. जानकारी के अनुसार हिज्ब-उत-तहरीर ने अन्य इस्लामी संगठनों के साथ मिलकर छात्र संगठन के आंदोलन को हाइजैक किया था और प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने में सफल भी रहा. यह संगठन भारत में इस्लामिक शरिया कानून लागू करना चाहता है. 

भोपाल से 10 सदस्य हुए थे गिरफ्तार 
पिछले साल हुए मध्यप्रदेश एटीएस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था. एटीएस ने मध्यप्रदेश से 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने भोपाल के शाहजहांनाबाद, लालघाटी, पिपलानी और ऐशबाग से 10 लोगों को, छिंदवाड़ा से 1 और हैदराबाद से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. 

अलग-अलग काम करते थे सभी
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी लोगों के बीच रहकर अलग-अलग काम किया करते थे. सभी  आरोपी जिम ट्रेनर, दर्जी, ऑटो ड्राइवर, कंप्यूटर टेक्नीशियन जैसे काम किया करते थे. वहीं एक सदस्य भोपाल के कोहेफिजा इलाके में कोचिंग सेंटर भी चला रहा था. आरोपियों के पास से एटीएस ने देशविरोधी दस्तावेज, तकनीकी उपकरण और अन्य सामान जब्त किया था. इन सभी आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. 

मप्र में तैयार कर रहे थे नेटवर्क 
एचयूटी ने मध्यप्रदेश में अपना नेटवर्क बढ़ाना शुरू कर दिया था. संगठन के सदस्य बातचीत करने के लिए डार्क वेब में अलग-अलग कम्यूनिकेशन एप्स जैसे श्रीमा-रॉकेट चैट का इस्तेमाल करते थे. इन एप्स का इस्तेमाल आईएसआईएस भी करता है. संगठन की योजना युवाओं को जिहाद के लिए तैयार करना है. वहीं सदस्यों को आईएसआईएस के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए कहा जाता था. आपको बता दें कि ये संगठन 17 देशों में प्रतिबंधित है.

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