Harda Factory Blast: हादसे के दूसरे दिन खत्म हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, CM यादव जाएंगे हरदा, कांग्रेस करेगी ये काम
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Harda Factory Blast: हादसे के दूसरे दिन खत्म हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, CM यादव जाएंगे हरदा, कांग्रेस करेगी ये काम

Harda Firecracker  Factory Explosion: हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण हादसे के दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हुआ. रेस्क्यू में जुटी टीमों ने मलबे को अच्छी तरह से खंगालने के बाद रेस्क्यू बंद किया. आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हरदा जाएंगे. 

Harda Factory Blast: हादसे के दूसरे दिन खत्म हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, CM यादव जाएंगे हरदा, कांग्रेस करेगी ये काम

Madhya Pradesh News: हरदा की पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को हुए विस्फोट हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. 204 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जबकि 51 गंभीर घायलों को भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम रेफर किया गया. नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) मलबे में दबे बाकी लोगों को भी बाहर निकाल लिया है. मलबे को खंगालने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन बंद किया गया.

अब मलबे में बची आग को बुझाया जा रहा है. SDM ने बताया मलबे में कोई शव नहीं मिला. मलबे में सामान्य सर्चिंग की जा रही है. बेसमेंट और बची हुई बिल्डिंग में भी सर्चिंग की गई. दूसरी ओर  हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज दो बजे हरदा जाएंगे. वे यहां जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों और घायलों से मुलाकात करेंगे.

पटवारी भी जाएंगे हरदा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा आज सुबह 9.30 बजे हरदा पहुंचकर हादसे की जानकारी लेंगे और दिवंगत लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे.  हादसे में फैक्ट्री के आसपास बने 60 घर जल गए. एहतियातन 100 से ज्यादा इमारतों को खाली करा लिया गया. फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हरदा सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया.

अब क्या हैं हालात
हरदा में पटाखा फैक्ट्री के विस्फोट ने कई परिवारों को तबाह कर दिया. लोगों ने बताया कि फैक्ट्री से सटे आसपास के घर पूरी तरीके से खत्म हो गए. हादसा इतना भीषण था कि घरों की छतें और दीवारें तक टूट गईं. इंसानों के साथ मवेशी भी मारे गए. कुछ लोगों ने बचकर अपनी जान बचाई, लेकिन अब उनके पास रहने का ठिकाना नहीं है. वह बेघर हो चुके हैं. हादसे के दूसरे दिन अस्पताल से छूट कर लोग घर तो पहुंच रहे हैं लेकिन उनके पास अब घर ही नहीं है. घटनास्थल के सामने ही परिवार रो रहा है.

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