Hariyali Teej Puja Vidhi: सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज के नाम से जानते हैं. इस दिन जो कुंवारी कन्या या सुहागिन स्त्रियां व्रत रखकर भगवान शंकर और मां पार्वती की विधि पूर्वक पूजा करती हैं, उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कब है हरियाली तीज और भगवान शंकर और मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कैसे करें पूजा?
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Hariyali Teej Vrat Katha: सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के नाम से जानते हैं. इस दिन सुहागिन स्त्रियां सौभाग्य में वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. हरियाली तीज का व्रत रखने के दौरान मां पार्वती और भगवान शिव की आराधना की जाती है. यह व्रत कुंवारी कन्याएं अच्छे पति के प्राप्ति के लिए करती हैं. मान्यता है कि मां पार्वती ने सावन माह के तृतीया का व्रत रखकर कठिन तप किया, जिसके बाद भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्हें पति के रूप में प्राप्त हुए और उन्होंने वरदान दिया कि जो महिला या कुंवारी कन्या विधि पूर्वक सावन माह के हरियाली तीज का व्रत करेंगी उन्हें मनवांछित फल प्रदान करुंगा. तब से हर साल सुहागिन महिलाएं सावन माह के हरियाली तीज का व्रत रख कर सुखद दांपत्य जीवन की कामना करती हैं और कुंवारी कन्याएं यह व्रत रखकर सुयोग्य लाइफ पार्टनर की कामना करती हैं. इस बार हरियाली तीज का व्रत 31 जुलाई को है. आइए जानते हैं हरियाली तीज कथा और पूजा विधि के बारे में.
हरियाली तीज शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि की शुरुआत 31 जुलाई की सुबह 03 बजे से हो रही है. तिथि का समापन 01 अगस्त की सुबह 04 बजकर 20 मिनट पर होगी. हरियाली तीज का व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा.
हरियाली तीज पूजा विधि
हरियाली तीज का व्रत महिलाएं और कुंवारी कन्याएं रहती हैं. जो महिला या कुंवारी कन्या हरियाली तीज का व्रत रखती हैं, वे इस दिन सुबह स्नान करने के पश्चात पास के शिवालय में जाएं और भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा विधि विधान से करें. साथ ही बाबा भोलेनाथ और मां पार्वती का 16 श्रृंगार करें.
हरियाली तीज व्रत कथा
जो महिला या कुवांरी कन्या हरियाली तीज का व्रत रखती हैं, उन्हें हरियाली तीज की कथा अवश्य सुननी चाहिए. धार्मिक मान्यता अनुसार मां पार्वती शंकर जी को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए अन्न जल का त्याग कर वर्षों कठोर तप किया. इनके तप से प्रसन्न होकर भगावन शिव सावन माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया के दिन मां पार्वती को दर्शन दिए. भगवान शंकर ने मां पार्वती से कहा कि हे पार्वती, तुमने मुझे पति रूप में पाने के लिए वर्षों सर्दी, गर्मी, बरसात का फिक्र किए बिना कठोर तप किया. तब जाकर मैं आज तुम्हें पति रूप में प्राप्त हुआ हूं. आज से जो कुंवारी कन्याएं सावन माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया का व्रत रखकर तुम्हारे इस कठोर तप को पढ़ेंगी, उसे मनवांछित फल की प्राप्ति होगी. उसी समय से महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में खुशहाली और कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए हरियाली तीज का व्रत रखकर मां पार्वती के इस कठोर व्रत की कथा को सुनती हैं.
हरियाली तीज पर कुंवारी कन्याएं करें ये उपाय
जिन लड़कियाों की शादी में देरी हो रही हैं या उन्हें योग्य वर नहीं मिल रहा है वे हरियाली तीज का व्रत रखकर शंकर और पार्वती की पूजा करते हुए उनका सोलह श्रृंगार करें. इसके पश्चात मां पार्वती को हल्दी की 11 गांठें चढ़ाएं. ऐसा करने से विवाह संबंधी बांधा दूर हो जाएगी और उन्हें भगवान शंकर और मां पार्वती की कृपा से सुयोग्य वर की प्राप्ति होगी.
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(DISCLAIMER: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. ZEE MEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)