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नई दिल्ली: हिजाब (Hijab Controversy) को लेकर देश में राजनीति तेज है. गुरुवार 13 अक्टूबर को कर्नाटक के हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दो जजों की बेंच ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया औऱ इस फैसले पर दोनों की राय अलग-अलग है. इसके बाद अब ये मामला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित के पास पहुंचा है. वहीं फैसले के बाद AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवेसी इस मामले पर जमकर बोले. उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब इस देश की पीएम कोई हिजाब पहनने वाली लड़की होगी.
एक दिन मुल्क की पीएम हिजाब वाली होगी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार को हैदाराबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मैंने पहले भी कहा है और आज भी कह रहा हूं कि मेरी जिंदगी में नहीं तो मेरी जिंदगी के बाद एक दिन इस मुल्क (भारत) की प्रधानमंत्री हिजाब पहनने वाली एक मुस्लिम लड़की बनेगी. उन्होंने कहा कि इस बात को सुनकर लोगों के पेट में दर्द हुआ दिल में तकलीफ हुई. लेकिन ये मेरा सपना है, इमसें बुराई क्या है?
जिस भारत की आज़ादी के लिए हमारे बुजुर्गों ने अपने जानों की कुर्बानी दी थी आज उसी भारत में हमारे बेटियों से कहा जा रहा है कि हिजाब क्यों पहनते हो?https://t.co/T7b6o5PvkQ
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 14, 2022
तो क्या बिकनी पहने?
वहीं ओवैसी ने कहा कि आप कह रहे हैं कि हिजाब नहीं पहनना चाहिए तो क्या पहनना चाहिए? बिकनी ? आपके पास उसे भी पहनने का अधिकार है. ओवैसी ने कहा कि हिजाब भारत के संविधान के मुताबिक Right to choice है, मेरी पसंद है, राइट टू कल्चर है और हमारी संस्कृति का हिस्सा है.
जानिए क्या है मामला
कर्नाटक के हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया. कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता ने पहले अपना फैसला पढ़ा और कहा कि वो कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले के खिलाफ याचिका को खारिज कर रहे हैं. वहीं, जस्टिस सुधांशु धूलिया की राय अलग है और उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने सरकारी आदेश को भी खारिज कर दिया, जिसमें शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाई गई थी. जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया और हिजाब पहनना अंतत: पसंद का मामला है, इससे कम या ज्यादा कुछ और नहीं.