Haldi Ceremony: भारतीय शादियों में हल्दी के रस्म का विशेष महत्व है. हल्दी लगाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है. ऐसे में आइए जानते हैं, आखिर विवाह के पहले दुल्हा-दुल्हन को क्यों लगाई जाती है हल्दी?
Trending Photos
Hindu Marriage Rituals: शादियों का सीजन शुरू हो गया है. विवाह में सबे शुभ और रौनक हल्दी की रस्म (haldi ceremony) में होता है. हिंदू धर्म में हल्दी की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसमें दुल्हा-दुल्हन (bride and groom) को शादी के पहले हल्दी लगाई जाती है. हल्दी का प्रयोग पूजा पाठों और धार्मिक अनुष्ठानों में भी किया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि शादी के पहले वर-वधू को हल्दी क्यों नहीं लगाई जाती है. आइए जानते हैं इसके पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण...
हल्दी लगाने का धार्मिक कारण
सनातन धर्म में धर्म में भगवान श्री हरि विष्णु को जगत का कर्ता-धर्ता माना गया है. भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं. किसी भी शुभ या मांगिलक कार्यों को करने से पहले भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. भगवान विष्णु की पूजा में हल्दी का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यतानुसार हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है. इसलिए शादी से पहले दुल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है. हल्दी के रश्म के दौरान दुल्हा-दुल्हन को परिवार के सभी सदस्य आशीर्वाद देते हैं.
हल्दी लगाने का धार्मिक महत्व
ज्योतिष शास्त्र में देवगुरू बृहस्पति को विवाह और वैवाहिक संबंधों का कारक ग्रह माना गया है. हल्दी का संबंध गुरु ग्रह यानी बृहस्पति से है. ऐसे में शादी से पहले दुल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाने से बृहस्पति की कृपा से दांपत्य जीवन सुखमय होता है. इसलिए शादी से पहले दुल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है. साथ ही दूल्हा-दुल्हन को नजर ना लगे और वह नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें, इसलिए भी हल्दी का प्रयोग किया जाता है.
हल्दी लगाने का वैज्ञानिक महत्व
हल्दी बहुत ही गुणकारी होती है. इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो स्किन और शरीर की सफाई, खूबसूरत और डिटॉक्स के अलावा, हल्दी शादी से पहले होने वाली घबराहट को भी दूर करती है. हल्दी लगाने से रंग में निखार आता है. साथ ही त्वचा को इंफेक्शन से बचाती है.
ये भी पढ़ेंः Somvati Amavasya 2023: फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा विशेष योग, इस उपाय को करने से भर जाएगी तिजोरी
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)