Indore Court: इंदौर कोर्ट ने 14 साल पुराने मामले में एक पुलिसकर्मी को 1 साल की सजा और 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. पुलिसकर्मी पर कोर्ट में पेशी के दौरान कैदी को फरार करने का आरोप है.
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Indore Court Punished Policeman: मध्य प्रदेश के इंदौर में कैदी को भगाने वाले पुलिसकर्मी को कोर्ट ने एक साल (sentenced one year) की सजा सुनाई है. पुलिसकर्मी द्वारा 2009 में कोर्ट में पेशी के दौरान कैदी को फरार कर दिया गया था, जिसके बाद वे खुद भी कोर्ट (court) से गायब हो गया था. इस मामले में पुलिस ने आरोपी की तलाश में जांच पड़ताल शुरू की. जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी और कैदी की सांठगांठ सिद्ध हुई और साल 2010 में उसके खिलाफ चार्जसीट दाखिल किया गया. घटना के 14 साल बाद इंदौर जिला कोर्ट ने एक साल की सजा के साथ 2 हजार रुपए का जुर्म भी लगाया है.
जानिए पूरा मामला
दरअसल डीआरपी लाइन में कार्यरत पुलिसकर्मियों की कई जगह ड्यूटी लगाई जाती है. इसी क्रम में सिंतबर 2009 में डीआरपी पुलिस लाइन से कुछ जवानों को कोर्ट में पेशी के लिए तैनात किया गया. जिन्हें जेल में बंद 80 पुरुष और 4 महिला कैदी को कोर्ट में पेश करना था. इन्हीं जवानों में एक तुकाराम नामक पुलिसकर्मी भी शामिल था. जिसे इंदौर जिला कोर्ट में कैदी मनोज कुमार को पेश करना था. तुकाराम मनोज कुमार को अपने साथ कोर्ट ले जाने के लिए हवालात से निकाला. लेकिन काफी समय बाद बी दोनों कोर्ट नहीं पहुंचे. इस दौरान कैदी मनोज और पुलिसकर्मी मनोज दोनों भाग गए.
14 साल बाद कोर्ट ने सुनाई सजा
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार पुलिसकर्मी तुकाराम ने हवालात से कैदी को ले जाते वक्त हाजिरी रजिस्टर में अपने साथ एक और पुलिसकर्मी अंकित का नाम लिखवाया था. लेकिन वह उसके साथ नहीं गया. इधर कैदी मनोज और पुलिसकर्मी के गायब होने की खबर लगते ही पुलिस अधिकारियों में खलबली मच गई. पुलिकर्मियों द्वारा तुकाराम के घर पर छापा मारा गया किंतु वह गायब मिला. पुलिसकर्मी द्वारा इस मामले में में सपष्ट हुआ कि तुकाराम ने सांठगांठ कर मनोज कुमार को फरार करवाया है. पुलिस द्वारा उक्त मामले की जांच पुरी कर 2010 में चार्जसीट को कोर्ट में दाखिल किया गया. तुकाराम को बयानों और सबूतों के आधार पर 14 साल बाद कोर्ट ने तत्कालीन पुलिस आरक्षक तुकाराम को एक साल की सजा सुनाई है.
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