Commonwealth Games: कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार दिखा इंदौर का दम, स्विमिंग के फाइनल में पहुंचा मध्य प्रदेश का खिलाड़ी
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1286306

Commonwealth Games: कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार दिखा इंदौर का दम, स्विमिंग के फाइनल में पहुंचा मध्य प्रदेश का खिलाड़ी

Indore Local Sports: कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार इंदौर के खिलाड़ी अद्वैत पागे फाइनल मुकाबले में पहुंचे हैं. फाइनल मुकाबला आज रात 12.42 मिनट पर होगा.

Commonwealth Games: कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार दिखा इंदौर का दम, स्विमिंग के फाइनल में पहुंचा मध्य प्रदेश का खिलाड़ी

 
इंदौरः (Commonwealth Games) मध्य प्रदेश के इंदौर के तैराक अद्वैत पागे मंगलवार को  बमिर्घंम में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स में 1500 मीटर की फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में 7 वें स्थान पर आने के बाद फाइनल में प्रवेश किया. इस गेम्स में अद्वैत 15 मिनट 39.25 सेकंड के साथ 7 वें स्थान पर रहे. जो उनके सर्वश्रेष्ठ समय से पीछे रहा. बता दें कि इसके पहले अद्वैत कैलिफोर्निया में हुई 1500 मीटर की तैराकी स्पर्धा में 15 मिनट 23.66 मिनट का समय लिया था, जिसके बाद उसका चयन भारतीय दल में किया गया.

पहली बार इंदौर के खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स में पहुंचे
बता दें कि यह पहला मौका था जब इंदौर का कोई खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में पहुंचा है. फाइनल मुकाबला आज बुधवार रात 12.42 बजे होगा. सभी इंदौरियों की ईश्वर से यही प्रार्थना की है कि अद्वैत तमगा लेकर ही वापस लौटे.

2015 में जीता था पहला राष्ट्रीय पदक
अद्वैत की बहन अदिति ने शिशुकुंज एकेडमी में ट्रेनिंग ली है. अद्वैत अपनी बहन अदिति को देखकर तैराकी सीखी. अद्वैत ने बताया कि वह 400 मीटर, 800 मीटर और 1500 मीटर के तैराकी स्पर्धा में भारतीय रिकार्ड बनाया. उसने बताया कि वह पहली बार 2015 में राष्ट्रीय पदक जीता, जिसके बाद से उत्साहित होकर इसे प्रोफेशनली जारी रखा.

12 वीं तक इंदौर में लिया ट्रेनिंग
अद्वैत के कोच मनोज दावे ने बताया कि 12वीं तक अद्वैत इंदौर में ट्रेनिंग लिया. वर्तमान में अद्वैत अमेरिका में कोच एंथोनी नेस्टी के अंडर में चार साल से ट्रेनिंग ले रहा है. अद्वैत ने बताया कि शुरुआत में उसके 35 लाख रुपए सलाना खर्च हो रहे थे. अब स्कॉलरशिप मिलने लगी है, जिससे राहत मिल गई है. अद्वैत के पिता आशुतोष पागे ने बताया कि वह मां नंदा सॉफ्टवेयर कंपनी में फ्रीलांस का जॉब करते हैं. पिता आशुतोष ने बताया कि अद्वैत को ज्यादा समय देने की वजह से उसने कभी स्थाई जॉब नहीं किया.

अब तक जीत चुके हैं 100 से अधिक पदक
अद्वैत ने बताया कि मैंने अब तक कई अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लिया है. 100 से अधिक पदक जीते हैं. इस बार मैं 7 वें नंबर पर बेस्ट टाइम से पीछे रहा. फिर भी फाइनल में जगह बना ली है. अद्वैत ने बताया कि मंगलवार को पहली बार हिट्स में जाने पर घबराहत हुई. अब मेरा फोकस पदक पर है. उन्होंने बताया कि कि कॉमनवेल्थ गेम में पदक जीतना मेरे सारे पदकों के बराबर है.

ये भी पढ़ेंः PM Kisan 12th Installment : इन किसानों के खाते में आएंगे 2 की जगह 4 हजार रुपये! इस दिन मिलेंगी पीएम किसान की 12वीं किस्त

Trending news