25 किमी दूर से आती थी डॉक्टर साहब के लिए गर्म चाय! हाईकोर्ट पहुंचा मामला...
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1585136

25 किमी दूर से आती थी डॉक्टर साहब के लिए गर्म चाय! हाईकोर्ट पहुंचा मामला...

जबलपुर के मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है. इन सब में हैरानी की बात ये रही कि जिस कर्मचारी ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज की उन्हीं का तबादला कर दिया गया. 

25 किमी दूर से आती थी डॉक्टर साहब के लिए गर्म चाय! हाईकोर्ट पहुंचा मामला...

जबलपुर: जबलपुर के मंझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भ्रष्टाचार (Corruption) का अनोखा मामला सामने आया है. यहां BMO और डॉक्टर्स 25 किलोमीटर से चाय बुलवाकर चुस्कियां ले रहे थे. ये ही नहीं बल्कि नाश्ते के लिए नमकीन, समोसा, पानी बोतल भी वहीं से मंगवाया जा रहा था. इसका बिल प्रतिमाह 25 हजार रुपये का बना और कर्मचारियों को ट्रेनिंक के बिना ही हजारों रुपये का खर्च कर मारा.

इन सब में हैरानी की बात ये रही कि जिस कर्मचारी ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज की उन्हीं का तबादला कर दिया गया. अब हाईकोर्ट ने इस तबादले पर रोक लगा दी है. इशके साथ ही आरोपित अधिकारियों के अलावा नेशनल रूरल हेल्थ मिशन(NRHM) व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

प्रमोशन और सैलरी बढ़ाने के लिए Boss से संबंध बनाने पति ने बनाया दबाव, महिला ने सुनाई दर्दनाक दास्तां...

अब जानिए पूरा मामला
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक जबलपुर के मंझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ BMO डॉक्टर पारस ठाकुर सहित अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों पर आरोप है कि वे 25 किमी दूर सिहोरा तहसील से चाय नाशता बुलवाकर खाते थे. इसका कुल बिल 70 हजार रुपये लगाया गया. अब जब इतना बड़ा बिल BPM (ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर) अमित चंद्रा के पास पहुंचा तो उन्होंने इसका भुगतान करने से इनकार कर दिया और शिकायत अलग कर दी.

अमित चंद्रा ने बताया कि वो 2021 से 2022 तक मंझौली में पदस्थ थे. इस दौरान उन्होंने बिल पर साइन करने से इनकार किया तो BMP ने उनपर दबाव बनाया और उनकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों  से कर दी. इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई करने से बदले मेरा ही तबादला कर दिया गया.

लोकायुक्त में की शिकायत
तबादले के बाद BPM ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी. लेकिन जांच शुरू होती उससे पहले उनकी अनुशासनहीनता ही शिकायत BMO ने कर दी. इसके बाद वो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. जहां जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार व संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है. साथ ही उनके ट्रांसफर पर रोक लगा दी है. आरोपों पर BMO का कहना हैं कि उनपर लगाए गए सारे आरोप निराधार है, जो बिल है वो सभी सही है.

Trending news