ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर चंबल संभाग में खासा दबदबा माना जाता है. साल 2020 में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे. जिसके बाद भाजपा को उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में सिंधिया के रसूख का ग्वालियर चंबल में फायदा मिल सकता है.
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नई दिल्लीः मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. ग्वालियर चंबल संभाग पर भाजपा और कांग्रेस दोनों का खास फोकस है. यही वजह है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शनिवार को ग्वालियर चंबल के सभी पदाधिकारियों और पूर्व सांसद, विधायकों के साथ बैठक की और पार्टी की स्थिति का जायजा लिया.
सिंधिया को लेकर ये बोले दिग्विजय
बैठक के बाद दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात की. इस दौरान पत्रकारों ने दिग्विजय सिंह से सवाल किया कि क्या सिंधिया ग्वालियर चंबल क्षेत्र में कांग्रेस के लिए चुनौती हैं? इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया कोई चुनौती नहीं हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा की विचारधारा उनके लिए चुनौती है लेकिन कोई व्यक्ति विशेष कोई चुनौती नहीं है.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर चंबल संभाग में खासा दबदबा माना जाता है. साल 2020 में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे. जिसके बाद भाजपा को उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में सिंधिया के रसूख का ग्वालियर चंबल में फायदा मिल सकता है. कांग्रेस भी इस बात को जानती है, इसलिए ग्वालियर चंबल के ही एक और प्रभावशाली नेता गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाकर सिंधिया की काट खोजने की कोशिश की है.