OBC आरक्षण पर कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा, धोखा देने का लगा दिया आरोप
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OBC आरक्षण पर कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा, धोखा देने का लगा दिया आरोप

कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा, उनका कहना है कि ओबीसी वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला है. 

OBC आरक्षण पर कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरा, धोखा देने का लगा दिया आरोप

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि ओबीसी वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला है, जबकि उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव की प्रणाली पर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं. 

ओबीसी को नहीं मिला आरक्षण का पूरा लाभ 
कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ''मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय किया है, 2022 के पंचायत चुनाव में भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग को जिला पंचायत सदस्य की मात्र 11.2 % सीटें, जनपद पंचायत अध्यक्ष की मात्र 9.5 % सीटें, जनपद पंचायत सदस्य की मात्र 11.5 % सीटें दी हैं और सरपंच की मात्र 12.5 % सीटें दी हैं. यही नहीं. अन्य पिछड़ा वर्ग को 19 जिलों में जिला पंचायत सदस्य के शून्य पद, 28 जिलों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए शून्य पद और 10 जिलों में जनपद पंचायत सदस्य के लिए शून्य पद दिए है.''

कमलनाथ ने अपने ही पुराने फैसले पर उठाये सवाल
वहीं मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली और नगर पालिका, नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के सरकार के फैसले पर भी कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि ''ये पब्लिक का सामना करने से डर रहे हैं, हम चाहते हैं कि हर चुनाव पब्लिक से हो.सरकार ने ऐसी प्रणाली बनाई है कि जिससे उन्हें खरीदने का, सौदा करने का, दबाने का मौका मिले और पंच पार्षदों को कैसे खरीदा जाए कैसे दबाया जाय.''

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गौरतलब है यह बयान देकर उन्होंने एक तरह से अपने ही पुराने फैसले पर सवाल उठाए हैं क्योंकि 2018 में सत्ता में वापस आने के बाद कमलनाथ ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला लिया था. लेकिन बाद में शिवराज सरकार की वापसी के बाद यह फैसला बदल दिया गया. 

अब दोनों प्रणाली लागू होंगी 
वहीं अब प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रणाली लागू होंगी, प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों में महापौर का चुनाव सीधे जनता करेगी, तो वहीं नगर पालिका और नगर परिषद में अध्यक्ष पद का चुनाव पार्षद करेंगे. 

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