MP Moonrise Time Today: करवा चौथ आज 20 अक्टूबर को है. आज व्रती महिलाओं को चांद के निकलने का बेसब्री से इंतजार रहेगा. यहां देखें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत एमपी के शहरों में चंद्रोदय का समय.
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Karwa Chauth 2024 Moonrise Time Madhya Pradesh: करवा चौथ हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और अर्घ्य देकर चांद की पूजा करती हैं. करवा चौथ मध्य प्रदेश में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. अगर आप एमपी में रहते हैं और करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं तो जान लें कि मध्य प्रदेश के शहरों में करवा चौथ पर चांद किस समय निकलेगा.
MP के इन शहरों में कब निकलेगा करवा चौथ का चांद
भोपाल- रात 8 बजकर 5 मिनट
ग्वालियर -रात 7 बजकर 54 मिनट
उज्जैन -रात 8 बजकर 15 मिनट
इंदौर- रात 8 बजकर 12 मिनट
जबलपुर- रात 7 बजकर 58 मिनट
मंदसौर- रात 8 बजकर 16 मिनट
खंडवा- रात 8 बजकर 12 मिनट
रतलाम- रात 8 बजकर 14 मिनट
सीहोर- 8 बजकर 09 मिनट
इटारसी- 8 बजकर 08 मिनट
नर्मदापुरम- 8 बजकर 08 मिनट
रायसेन- 8 बजकर 6 मिनट
बड़वानी- 8 बजकर 21 मिनट
खरगौन- 8 बजकर 21 मिनट
झाबुआ- 8 बजकर 21 मिनट
छिंदवाड़ा- 8 बजकर 04 मिनट
सिंगरौली- 7 बजकर 44 मिनट
करवा चौथ पर जरूर पढ़ें करवा माता की ये कथा
मान्यता है कि करवा माता की पूजा और उनकी कथा पढ़े बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार करवा देवी अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास एक गांव में रहती थी. एक बार जब करवा के पति नहाने के लिए नदी पर गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और पानी में खींच लिया. मौत को नजदीक देखकर करवा के पति पुकारने लगे. पति की चीख सुनते ही करवा नदी पर पहुंच गई.पति को मौत के मुंह में जाते देख करवा ने मगरमच्छ को कच्चे धागे से पेड़ से बांध दिया. मगरमच्छ कच्चे धागे से इस तरह बंधा था कि वह जरा भी हिल नहीं पा रहा था. करवा के पति और मगरमच्छ दोनों की जान खतरे में थी. तब करवा ने यमराज को पुकारा और उनसे अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने की विनती की.
यमराज ने करवा से कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उसके पति की मृत्यु का समय बीत चुका है और मगरमच्छ का जीवन अभी बाकी है. यम देव के ऐसे वचन सुनकर करवा देवी क्रोधित हो गई और उन्होंने यमराज को श्राप देने की बात कही.करवा की पति भक्ति देखकर यमराज प्रसन्न हुए और उन्होंने करवा के पति की जान बचाई, जबकि मगरमच्छ मर गया. ऐसा माना जाता है कि यह घटना कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को घटित हुई थी. यही कारण है कि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए शिव परिवार, करवा माता का व्रत और पूजा करती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. Zee News किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)