बच्चे के पुराने कपड़े किसी को ओर दिए जा रहे थे, जिससे वह इतना खफा हुआ उसने एक बड़ा कदम उठा लिया.
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खंडवाः बच्चों को अपनी चीजों से बहुत मोह होता है, अगर कोई उनकी चीजें उनसे छीनने की कोशिश करता है तो उन्होंने बहुत दुख होता है. यह खबर हर बच्चों को परिजनों को लिए जरुरी है, क्योंकि यह मामला बेहद हैरान करने वाला है. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक बच्चे ने पुराने कपड़ों के मोह में अपना घर ही छोड़ दिया. वह घर से भागकर नानी के घर जा रहा था, लेकिन रास्ता भटक गया.
दरअसल, बच्चे के पुराने कपड़े किसी को ओर दिए जा रहे थे, जिससे वह इतना खफा हुआ कि वह घर छोड़कर चला गया, बच्चा अपनी नानी के घर जा रहा था लेकिन वह रास्ता भटक गया. रास्ते में उसने राहगीरों से लिफ्ट भी ली. इसी दौरान एक राहगीर को बच्चे की मन की स्थिति देखते हुए शक हुआ तो उसने चाइल्ड लाइन को फोन लगा दिया. चाइल्डलाइन के सदस्यों की वजह से बच्चा सकुशल घर पहुंच गया. पूछताछ में घबराहट की वजह से पहले तो उसने अपने अपहरण होने की कहानी रची लेकिन बाद में सत्यता उजागर कर दी
पुराने कपड़े बचाना चाहता था बच्चा
खण्डवा में एक परिवार का बच्चा अपने पुराने कपड़े बचाने के लिए घर से नानी के घर जाने का सोच निकल गया था. जब बालक स्कूल की छुट्टी होने के बाद भी घर नही पहुंचा तब परिजन आस पड़ोस में उसको तलाशा लेकिन बच्चा नहीं मिला. परिजन स्कूल भी पहुंचे, लेकिन पता चला कि वह तो स्कूल ही नहीं पहुंचा है, जिसके बाद बच्चे के परिजन परेशान हो गए और उसकी तलाश शुरू कर दी. इधर बच्चा चाइल्ड लाइन की टीम को मिला.
चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चे के घर फोन कर इसके मिलने की सूचना दी. बच्चा घबराहट के कारण कुछ अलग ही कहानी सुना रहा था. बच्चे के सामान्य होने पर चाइल्ड लाइन की टीम ने परिजनों की काउंसलिंग कर उन्हें बच्चा सौंप दिया.
बच्चे ने बताया पूरा मामला
दरअअसल, बच्चे की घबराहट के कारण उसकी पूरी काउंसलिंग नहीं हो पाई थी, इसी को लेकर आज फिर से बच्चे को बाल कल्याण समिति ने अपने कार्यालय बुलाया, यहां उसने जो कहानी बताई उसे सुनकर सब हैरान रह गए. बच्चा अपने पुराने कपड़ों के प्रति ज्यादा मोह रखता था और परिजन चाहते थे कि पुराने कपड़ों को या तो किसी को दे दिया जाए या जल दिया जाए. बच्चे को यह सब पसंद नहीं था. ऐसे में उसने स्कूल बैग में अपने प्यारे कपड़े भरे साथ में माचिस का पैकेट रखा और घर से निकल गया. बच्चे ने नानी के घर जाने के लिए एक व्यक्ति से लिफ्ट ली. लेकिन, फिर रास्ता भूल गया. भटके हुए बच्चे ने जब दूसरे व्यक्ति से लिफ्ट मांगी तो उसने चाइल्ड हेल्प लाइन पर सूचना दे दी. जिसके बाद बच्चे को उसकी मां को सौपा गया.
इस मामले के बाद बाल कल्याण समिति ने अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने बच्चों के मन की बात को समझे और कोशिश करें कि उनके साथ कोई ऐसा व्यवहार ने किया जाए जो उनको अच्छा न लगे या जिससे वे परेशान हो जाए.
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