Kab Hai Janmashtami: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार (Krishna Janmashtami 2023 )का काफी ज्यादा महत्व है. इस त्योहार पर भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा की जाती है. इस बार जन्माष्टमी कब है और क्या मुहूर्त है आइए जानते हैं.
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Krishna Janmashtami 2023 Date: आने वाले एक - दो महीने में हिंदू धर्म के त्योहारों की भरमार है. अगस्त महीने में कई सारे त्योहार पड़ेंगे जबकि सितंबर की भी शुरुआत त्योहार के साथ होगी. बता दें कि सितंबर महीने में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पड़ेगा. यह पर्व काफी धूमधाम के साथ देशभर में से मनाया जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार ये त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्षी की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. आइए जानते हैं इसकी तारीख और पूजा विधि (Janmashtami Puja Vidhi) शुभ मुहूर्त .
सही तारीख
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भादौ पक्ष की अष्टमी तिथि यानि की 6 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा. ये त्योहार दोपहर 3.37 से शुरु होकर 7 सितंबर 2023 की शाम 04:14 मिनट पर समाप्त होगा. पौराणिक मान्यताओं अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था. इस वजह से कुछ लोग जन्माष्टमी का व्रत 6 सिंतबर को रखेंगे. अगर हम शास्त्रों की मानें तो हिंदू धर्म में उदया तिथि सर्वमान्य होती है. इसलिए जन्माष्टमी का व्रत और श्री कृष्ण जन्मोत्सव 7 सितंबर को भी मनाया जाएगा.
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शुभ मुहूर्त
भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के दिन मध्य रात्रि में हुआ था. ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12:02 से मध्यरात्रि 12:48 तक है. इस लिहाज से पूजा करने की की अवधि केवल 46 मिनट की ही रहेगी. जबकि जन्माष्टमी व्रत पारण का समय 7 सिंतबर 2023 की सुबह 06:09 के बाद शुरु होगा.
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बन रहा योग
पुराणों की मानें तो इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र लग रहा है. बता दें कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भी रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. रोहिणी नक्षत्र 6 सिंतबर 2023 की सुबह 9 बजकर 20 मिनट से 7 सितंबर 2023 की सुबह 10.25 तक रहेगा.
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कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
जन्माष्टमी का व्रत रखने के साथ ही इस दिन भगवान कृष्ण को पीतांबर पहनाकर पालने बैठाएं. इसके बाद विधि विधान से पूजा करते हुए भगवान कृष्ण को तरह-तरह के मिष्ठान और माखन मिश्री का भोग लगाएं. इस दिन मध्य रात्रि 12 बजते ही बधाई गाना शुरू कर दें और भक्ति गीत गाकर भगवान की अराधना करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनवांछित फल देते हैं.