कूनो में हो रही चीतों की ट्रेनिंग, खतरों से लड़ना सिखा रही मां आशा, 17 सितंबर को पूरे होंगे 2 साल
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2432457

कूनो में हो रही चीतों की ट्रेनिंग, खतरों से लड़ना सिखा रही मां आशा, 17 सितंबर को पूरे होंगे 2 साल

Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में अब चीतों को ट्रेनिंग दी जा रही है, माता चीता आशा अपने शावकों को कूनो में रहने के गुण सिखा रही है.

चीतों की चल रही ट्रेनिंग

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को 17 सितंबर के दिन दो साल पूरे हो जाएंगे. तब से लेकर अब तक चीता प्रोजेक्ट काफी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरा है. यहां पर कई बदलाव भी हुए हैं. जबकि अब एक और बदलाव यहां शुरू हो गया है. कूनो पार्क में जो नए चीते जन्म ले रहे हैं, उन्हें अब यहां ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि चीते कूनो के वातावरण में ढल सके और फिर उन्हें यहां कोई परेशानी न हो. फिलहाल कूनो में सभी नए चीते मादा चीता आशा की देखरेख में ट्रेनिंग ले रहे हैं. 

कूनो में 12 शावकों को दी जा रही ट्रेनिंग 

कूनो नेशनल पार्क में फिलहाल 12 शावक है. खास बात यह है कि इन सभी शावकों ने भारत में ही जन्म लिया है. जिन्हें मादा चीता आशा शिकार करना सिखा रही है. इसके अलावा उन्हें हर तरह के मौसम में भी ढलना सिखा रही है. कूनो पार्क प्रबंधन ने बताया कि 12 में से 3 शावकों को आशा ने पूरी तरह से ट्रेंड कर दिया है. जिसके बाद वह लगातार कूनो में यहां वहां घूम रहे हैं और यहां के वातावरण को समझ रहे हैं. आशा इन चीतों के साथ-साथ दूसरे चीतों को भी हर वक्त अपने साथ लेकर ही चलती है. 

9 महीने के हो चुके हैं शावक 

कूनो नेशनल पार्क में जन्म लेने वाले सभी शावक अब 9 महीने के हो गए हैं, ऐसे में उछल कूंद के साथ-साथ अब वह घात लगाकर शिकार करना भी सीख गए हैं. आशा अपने साथ चीतों को भी शिकार करवाती है. कूनो नेशनल पार्क भी चीतों की देखरेख में जुटा है. क्योंकि अब तक यहां कई चीतों की मौत भी हुई है, जिनमें कुछ शावक भी थे. ऐसे में नए शावकों का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जा रहा है. ताकि चीते जल्द से जल्द कूनो के वातावरण में ढल सके. 

17 सितंबर को होंगे 2 साल पूरे 

चीता प्रोजेक्ट को लेकर 17 सितंबर को 2 साल पूरे हो चुके हैं. सितंबर 2022 में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को लाया गया था. यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल था क्योंकि लंबे समय बाद फिर से चीतों को भारत में बसाया गया था. हालांकि चीता प्रोजेक्ट भारत में कई उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरा है. लगातार चीतों की मौत से कूनो पार्क प्रबंधन परेशान हुआ था. लेकिन बाद में नए शावकों के जन्म ने फिर से नई उम्मीदें दी हैं. 

ये भी पढ़ेंः MP में बारिश का येलो अलर्ट; सीधी,सिंगरौली सहित इन जिलों पर मेहरबान रहेंगे इंद्रदेव

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश  की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड! 

Trending news