पिक्चर अभी बाकी: Madhya Pradesh के कृषि मंत्री बोले- किसानों को समझाएंगे, फिर लाएंगे कृषि कानून
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पिक्चर अभी बाकी: Madhya Pradesh के कृषि मंत्री बोले- किसानों को समझाएंगे, फिर लाएंगे कृषि कानून

शुक्रवार को राष्ट्र के नाम दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की. इसके बाद से लगातार इसपर बयानबाजी जारी है. अब मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (MP Minister Kamal Patel) का कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. 

शिवराज सिंह के मंत्री का कृषि कानून पर बड़ा बयान

भोपाल: मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (MP Minister Kamal Patel) का कृषि कानूनों को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कमल पटेल ने कहा कि सरकार फिर से कृषि कानून (Farm Laws) लाएगी. उनके इस बयान से सियासी हलचल बढ़ सकती है.

शिवराज सिंह के मंत्री का बड़ा बयान
मीडिया से बात करते हुए कमल पटेल ने कहा कि "हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए, इसलिए बिल वापस लिया. हम किसानों को प्रशिक्षित करेंगे, समझाएंगे और जब सब सहमत होंगे, तो बिल फिर लाएंगे." उन्होंने कहा कृषि कानून किसानों की बेहतरी के लिए थे. इन कानूनों से किसानों को फायदा होता, लेकिन उनकी पार्टी सभी किसानों को समझा नहीं सकी. पर अब भी रास्ते खुले हैं.

 

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तीनों कृषि कानून वापस
शुक्रवार को राष्ट्र के नाम दिए अपने संबोधन की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ की थी. इसके बाद पीएम ने एक ऐसी घोषणा की जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की थी. पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए तीन कृषि कानून बनाए थे. पहला कानून था- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020, दूसरा कानून था- कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और तीसरा कानून था- आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020. इनपर लगभग एक साल से विरोध प्रदर्शन चल रहा था.

विपक्षी दलों में खलबली
मोदी सरकार के कृषि कानून वापस लेने से विपक्षी दलों में खलबली  दिख रही है. इस कानून को वापस लेने की वजह आने वाले चुनाव बताए जा रहे हैं. वहीं विपक्ष इसे किसानों की जीत बता रहा है. हालांकि किसानों का एक तबका ऐसा भी है, जो मोदी के इन निर्णय से दुखी है. वो लगातार इसका समर्थन कर रहे थे. बता दें आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने इसका स्वागत किया, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक संसद में इसे मूर्त रूप नहीं दे दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रखेंगे. उन्होंने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, मृतक किसानों के परिवारवालों को मुआवजा देने और आंदोलनकारी किसानों पर लगाए गए मुकदमों को वापस लेने की मांग भी रखी है

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