MP की सियासत की ऐसी तस्वीर, 2023 से पहले कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत
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MP की सियासत की ऐसी तस्वीर, 2023 से पहले कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत

मध्य प्रदेश की सियासत से भी एक ऐसी तस्वीर सामने आई है. जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है. पूरा मामला कांग्रेस से जुड़ा है. 

MP की सियासत की ऐसी तस्वीर, 2023 से पहले कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत

भोपाल। पुरानी कहावत है कि राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता, यहां कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं चलता, दोस्त दुश्मन हो जाते हैं और दुश्मन दोस्त. मध्य प्रदेश की सियासत से भी एक ऐसी तस्वीर सामने आई है. जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है. क्योंकि दो ऐसे नेताओं के बीच मुलाकात हुई है जो कांग्रेस के लिए अच्छी खबर कही जा सकती है. 

अजय सिंह और चौधरी राकेश सिंह की हुई मुलाकात 
दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय और पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के बीच मुलाकात हुई है. खास बात यह है कि दोनों नेता भले ही इस वक्त कांग्रेस पार्टी में है लेकिन दोनों की अदावत किसी से छुपी नहीं थी. एक ही पार्टी में रहते हुए दोनों नेता एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. लेकिन आज चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने अजय सिंह से मुलाकात की. इस दौरान अजय सिंह भी चौधरी राकेश सिंह का मुंह मीठा कराकर उनका स्वागत किया. जिसे एमपी कांग्रेस में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. 

अजय सिंह और चौधरी राकेश सिंह के बीच लड़ाई का एक पूरा किस्सा है, जो मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बड़े सियासी घटनाक्रम के तौर पर जाना जाता है. लेकिन अपने विवादों को भुलाकर अब दोनों नेता फिर एक होते नजर आ रहे हैं. जिसे 2023 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. 

क्या हैं दोनों का विवाद 
दरअसल, पूरा मामला 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले का है. अजय सिंह उस वक्त विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे, जबकि चौधरी राकेश सिंह उपनेता प्रतिपक्ष थे. अजय सिंह ने शिवराज सरकार के खिलाफ विधानसभा सभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया, सदन में सबकुछ कांग्रेस की रणनीतिक के मुताबिक चल रहा था. लेकिन जैसे ही अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति मांगी, तभी एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत चौधरी राकेश सिंह कांग्रेस का खेमा छोड़कर भाजपा के खेमें जा मिले. इस तरह सदन में किसी विधायक का दलबदल करना मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ी घटना थी.  

इस घटना के बाद ही अजय सिंह और चौधरी राकेश सिंह के बीच अदावत शुरू हो गई. बाद में चौधरी राकेश सिंह बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि बाद में वह फिर से कांग्रेस में आ गए. लेकिन कांग्रेस में रहते हुए भी दोनों नेताओं को बीच मनमुटाव कम नहीं हुए थे. 

अब पिघली बर्फ 
हालांकि अब दोनों के रिश्तों पर जमी सियासी बर्फ पिघलती दिख रही है. अब 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों धुरविरोधी एक हो गए हैं. अजय सिंह विंध्य अंचल से आते हैं, जबकि चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी चंबल अंचल से आते हैं. दोनों नेता एक साथ दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री भी रहे हैं. इन दोनों नेताओं का एक साथ आना कांग्रेस लिए बड़ी खबर मानी जा रही है. क्योंकि दोनों की अपने-अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन दिग्गजों की दोस्ती कांग्रेस को कितना फायदा देती है.  

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