मध्यप्रदेश की सियासत में आदिवासियों को साधने की कवायद तेज, मोदी v/s कमलनाथ हुआ मामला
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मध्यप्रदेश की सियासत में आदिवासियों को साधने की कवायद तेज, मोदी v/s कमलनाथ हुआ मामला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को मध्यप्रदेश के भोपाल दौरे पर रहेंगे. इस दौरान पीएम भोपाल के वर्ल्ड क्लास हबीबगंज स्टेशन का लोकार्पण भी करेंगे. साथ ही सबसे महत्वपूर्ण जंबूरी मैदान में जनजातीय महासम्मेलन में शामिल भी होंगे.

'पीएम के दौरे से कांग्रेस के हांथ पांव फूल रहे'

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को मध्यप्रदेश के भोपाल दौरे पर रहेंगे. इस दौरान पीएम भोपाल के वर्ल्ड क्लास हबीबगंज स्टेशन का लोकार्पण भी करेंगे. साथ ही सबसे महत्वपूर्ण जंबूरी मैदान में जनजातीय महासम्मेलन में शामिल भी होंगे. इसे बीजेपी की 2023 की चुनावी तैयारी की नजर से भी देखा जा रहा है. इसमें प्रदेशभर से तकरीबन 2 लाख आदिवासियों को लाने की तैयारी की जा रही है.  

आदिवासियों को लेकर सियासत तेज
इसके बाद से मध्यप्रदेश में आदिवासियों को लेकर सियासत तेज होती दिख रही है. अब कांग्रेस ने मोदी के सामने कमलनाथ को उतारने का प्लान बनाया है. पीएम मोदी के भोपाल दौरे के दिन कमलनाथ जबलपुर में आदिवसी सम्मेलन करेंगें. इसपर बीजेपी की तरफ से भी रिएक्शन आ गया है. 

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'पीएम के दौरे से कांग्रेस के हांथ पांव फूले"
पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम के दौरे से कांग्रेस के हांथ पांव फूल रहे हैं. 60-70 सालों तक आदिवासियों के लिए कांग्रेस ने कुछ नही किया. कांग्रेस की चालबाजी समझ चुकी है जनता. कांग्रेस के हाथों से आदिवासियों का वोट बैंक खिसक रहा है. लोकिन जबलपुर में कांग्रेस को कुछ हांथ नहीं लगने वाला है. वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि आदिवासियों के हित में जैसे कानून कांग्रेस लेकर आई थी, बीजेपी कांग्रेस को कॉपी कर रही है.

'बीजेपी आदिवसियों की हितैषी नही'
मोदी के भोपाल आने से कांग्रेस का कोई लेना देना नही है. कांग्रेस ने सवाल किया कि अगर बीजेपी आदिवसियों की हितैषी है तो विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश क्यों घोषित नही किया गया. बीजेपी आदिवासियों के हित के लिए कभी नही सोचती, कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि मंच पर आदिवसी नेताओं के बैठने के लिए भी बीजेपी को लेटर जारी करना पड़ रहा है, ये किस तरह की राजनीति है.

2 लाख आदिवासियों को लाने की तैयारी
बता दें कि जंबूरी मैदान में जनजातीय महासम्मेलन में आदिवासियों की गौंड, भील, कोल और सहरिया को अधिक संख्या में बुलाने का फैसला लिया गया है. प्रदेश के करीब 2 लाख आदिवासियों को लाने की तैयारी की गई है. दोपहर 12 से 2 बजे तक पीएम मोदी कार्यक्रम में रहेंगे.

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