भगवान महाकाल ने मनमहेश रूप में दिए दर्शन, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ निकली पहली पालकी यात्रा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1263501

भगवान महाकाल ने मनमहेश रूप में दिए दर्शन, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ निकली पहली पालकी यात्रा

सावन के पहले सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली. परंपरा अनुसार सभा मंडप में भगवान महाकाल का मनमहेश रूप में पूजन-अर्चन किया गया. मंदिर के मुख्य द्वार पर बाबा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान आवंतिका नगरी बाबा महाकाल के जयकारों से गूंज उठी.

भगवान महाकाल ने मनमहेश रूप में दिए दर्शन, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ निकली पहली पालकी यात्रा

राहुल सिंह राठौड़/उज्‍जैन: सावन माह के पहले सोमवार पर ठीक शाम 4 बजे बाबा महाकाल पालकी में मनमहेश के स्‍वरूप में भक्तों को दर्शन देने नगर भ्रमण पर निकले. कोरोना काल के 2 साल बाद भक्तों को भगवान के नगर भ्रमण के दौरान उनका स्वागत करने का अवसर मिला. सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पंडित घनश्‍याम शर्मा द्वारा जिला कलेक्टर, एसएसपी सपत्नीक संपन्‍न कराया गया.

बाबा भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठी अवंतिका नगरी
सबसे पहले बाबा महाकाल का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया. इसके बाद भगवान की आरती की गई. पूजन के बाद कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने पालकी को उठा कर आगे बढ़ाया. मंदिर के मुख्य द्वार पर बाबा को पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. लॉ आर्डर के लिए पुलिस की चप्पे चप्पे पर तैनाती की गई. इस दौरान झुमते, नाचते, गाते भगवान का स्वागत करने को आतुर भक्तों की आनंदित करने वाली तश्वीर भी नजर आई और पूरी अवंतिका नगरी बाबा भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठी.

कैसे हुई यात्रा की शुरूआत
पालकी यात्रा की शुरूआत तोप की आवाज और केसरिया ध्वज लहराने के साथ हुई. इस दौरान पुलिस बैण्ड द्वारा सुंदर सी धुन बजा कर बाबा का स्वागत किया गया. महाकाल मंदिर से सवारी, महाकाल घाटी, होते हुए क्षिप्रा नदी पहुची, जहां पूजन के बाद भगवान परंपरा मार्ग पर भ्रमण करते हुए अनुसार मंदिर लौटे. मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने कहा कि पहले सोमवार पर पालकी में मनमहेश रूप में बाबा ने भक्तो को दर्शन लाभ देकर जीवन को धन्य किया.

पहली पालकी यात्रा की कुछ ऐसी रही थूम
मंदिर के मुख्य द्वार से क्षिप्रा तट तक सांस्कृतिक कला देखने को मिली. मंदिर के द्वार पर भव्य रंगलोगी केवी पंड्या ने बनाई. वहीं क्षिप्रा नदी स्तिथ सवारी मार्ग पर रेड कारपेट से बिछाया गया. पूरे मार्ग पर दोनो ओर रंगबिरंगे झंडे लगाए एग. 

कब-कब होंगी बाबा की 6 सवारी ?
18 जुलाई श्रावण मास की पहली सवारी
25 जुलाई श्रावण मास की दूसरी सवारी
01 अगस्त श्रावण मास की तीसरी सवारी
08 अगस्त श्रावण मास की चौथी सवारी
15 अगस्त भादौ मास की पहली सवारी
22 अगस्त श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी

त्यौहार की तरह सजाया गया मार्ग
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सावन की सवारी में इस बार 2 साल बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खास इंताजम सुरक्षा के किए गए हैं, जिससे हर कोई सुगम दर्शन कर सके. सवारी मार्ग को त्यौहार के रूप के रूप में सजाया गया है. उसके लिए हमने कोई कसर नहीं छोड़ी. मार्ग को अधभूत रूप दिया गया है. आगामी यात्राओं के लिए भी प्रशासन की ओर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.

LIVE TV

Trending news