MP Assembly Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में जमकर सियासत देखने को मिल रही है. नर्मदा नदी के मुद्दे पर भी बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों में जमकर तकरार हुई.
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MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही है. सत्ता पक्ष और विपक्ष हर मुद्दे पर आमने-सामने नजर आ रहा है. नर्मदा नदी के किनारे बसे गांव खुले में कितने शौच मुक्त हुए इसकी जानकारी भी सदन में आई है. जिस पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने नजर आ रही है. क्योंकि बीजेपी इस मुद्दे पर अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है तो कांग्रेस इसे कागजों की करामात बता रही है.
BJP विधायक ने लगाया था सवाल
दरअसल, जबलपुर से उत्तर से बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने नर्मदा नदी के किनारे बसे गांव कितने प्रतिशत तक खुले में शौच मुक्त हुए हैं, इसको लेकर सवाल लगाया था. जिस पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई. बताया गया कि नर्मदा के किनारे बसे सभी खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं. जिस पर बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने भी सरकार का आभार जताया और उन्होंने इस पर खुशी जताई. लेकिन विपक्ष ने सरकार को जवाबों पर बीजेपी को घेरा है.
779 गांव खुले में शौच मुक्त
सरकार की तरफ से बताया गया है कि मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे पर 16 जिलों के कुल 779 गांव बसे हुए हैं. यह सभी गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं, सभी गांवों की जानकारी भी पंचायत विभाग की तरफ से सदन में दी गई.
कांग्रेस ने साधा निशाना
सदन में दी गई इस जानकारी पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने कहा कि नर्मदा किनारे लोग आज भी खुले में शौच के लिए जा रहे हैं, अधिकारी कमरों में बैठकर नर्मदा किनारे गांवो को शौच से मुक्त कर रहे हैं ये कागजों की करामाती है. उन्होंने कहा मेरे साथ चलकर हकीकत देखे आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर है. बता दें कि मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे शौच को लेकर प्रदेश में सियासत होती रही है. लेकिन इस मुद्दे पर सदन में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर सियासी तकरार देखने को मिली.
भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट
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