Ujjain News: जिले में बड़ी संख्या में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 5वीं और 8वीं कक्षा के बच्चों का परिणाम बिगड़ गया है. अभिभावकों का आरोप है कि सैकड़ों विद्यालयों का रिजल्ट जीरो है और कई बच्चे बाउंड्री पर होने के बावजूद फैल किए गए हैं. अभिभावकों में आक्रोश! जिला शिक्षा पदाधिकारी को 2 दिन का अल्टीमेटम नहीं तो उग्र आंदोलन की चेतावनी.
Trending Photos
राहुल राठौर/उज्जैन: हाल ही में मध्यप्रदेश (MP News) में कक्षा पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षा का रिजल्ट (MP Board 5th & 8th Result 2023) आया. इस बार उज्जैन शहर के निजी स्कूलों के रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी हुई. जिसके चलते बुधवार को बड़ी संख्या में अभिभावकों ने अपने छात्रों के लिए न्याय की मांग की. अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा के पास पहुंचकर गंभीर आरोप लगाया कि इस बार शहर के सैकड़ों स्कूलों में 5वीं और 8वीं कक्षा का रिजल्ट जीरो है. कई बच्चे बाउंड्री पर रहकर भी फेल हो गए, यह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है. यह भी आरोप लगाया गया कि मंदसौर केंद्र में ये कॉपियां ठीक से नहीं जाती हैं, सभी बच्चों की कॉपियों की दोबारा किसी अन्य केंद्र पर जांच कराई जाए और जो बच्चे पास होने योग्य हैं उन्हें न्याय दिया जाए.
अभिभावकों का कहना है कि परीक्षा परिणाम में कक्षा 5वीं के 67 और कक्षा 8वीं के 53 स्कूलों का रिजल्ट (MP Class 5-8 Exam Result) जीरो आया है. बता दें कि मांग नहीं मानने पर दो दिन बाद आंदोलन की चेतावनी दी है. दरअसल, संभागीय अशासकीय विद्यालय संगठन व अशासकीय विद्यालय प्रतिनिधि संगठन के बैनर तले कई अभिभावक अपनी मांगों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे और स्पष्ट कहा कि दो दिन में इसका समाधान किया जाए.
मध्य प्रदेश में 22 मई को रहेगी छुट्टी, राज्य सरकार ने की घोषणा, जानें क्या है कारण
बता दें कि पेरेंट्स ने ये मांग रखी:
1] मंदसौर को छोड़कर अन्य जिलों में कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा की सभी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कराया जाए.
2] आगामी द्वितीय बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित होने के लगभग 50 दिन बाद आयोजित की जानी चाहिए.
3] सभी विद्यालयों को विद्यालयवार बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं देखने के लिए उपलब्ध कराएं.
4] मासूम बच्चों में आगामी द्वितीय परीक्षा के भय को दूर करने के लिए अध्ययनरत विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाए तथा शासकीय शिक्षकों, केन्द्राध्यक्षों/पर्यवेक्षकों को बनाया जाए.
5] उज्जैन जिले को प्रदेश का सबसे पिछड़ा जिला बनाने में परीक्षा मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले मूल्यांकनकर्ताओं आदि के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
मामले में कार्रवाई करेंगे: शिक्षा अधिकारी
आपको बता दें कि दोनों संगठनों के साथ आए अभिभावकों ने इसी मामले में मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी व अन्य को ज्ञापन लिखकर अपनी मांगों को रखा है. वहीं पूरे मामले में शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा का कहना है कि ऑनलाइन एंट्री चेक कर ली गई है और अभिभावकों ने बच्चों के मार्क्स कम आने को लेकर मांग रखी है. संयुक्त निदेशक भी मेरे साथ थे, उन्होंने अभिभावकों से भी बात की है, हमने इस बारे में लगभग 60 से 70 लोगों से बात की है. जो भी तथ्य निकलकर आ रहे हैं उसका दायित्व हमने बीआरसी को सौंपा जो भी निराकरण निकल सकेगा. संयुक्त संचालक राज्य शिक्षा केंद्र में बात कर आगे की कार्रवाई करेंगे.