MP: उपचुनाव का रास्ता साफ, कोर्ट ने खारिज की रोक लगाने वाली याचिका, कभी भी बज सकता है चुनावी बिगुल
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MP: उपचुनाव का रास्ता साफ, कोर्ट ने खारिज की रोक लगाने वाली याचिका, कभी भी बज सकता है चुनावी बिगुल

मध्य प्रदेश में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है. HC ने उपचुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. मध्य प्रदेश में तीन विधान सभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर अंतिम निर्णय चुनाव आयोग करेगा.

MP: उपचुनाव का रास्ता साफ, कोर्ट ने खारिज की रोक लगाने वाली याचिका, कभी भी बज सकता है चुनावी बिगुल

आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्य प्रदेश में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है. HC ने उपचुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. मध्य प्रदेश में तीन विधान सभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर अंतिम निर्णय चुनाव आयोग करेगा. कोर्ट के फैसले से कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां खुश होंगी.

दरअसल. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में राज्य की खंडवा लोकसभा व तीन विधानसभा के उप चुनाव कोरोना की तीसरी लहर की समाप्ति के बाद कराए जाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा कि चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की है. इसलिए जनहित याचिका अपरिपक्व होने के कारण खारिज करने योग्य है.

किसने लगाई थी याचिका
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष जबलपुर निवासी डॉ. पीजी नाजपांडे और नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा और रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा के उपचुनाव जल्द होने वाले हैं. इस पर अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोरोना की तीसरी लहर जल्द आ सकती है. इसलिए तीसरी लहर की समाप्ति के बाद प्रदेश में उपचुनाव कराए जाएं. चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने दलील दी कि चुनाव आयोग ने कोरोना की गाइडलाइन जारी कर दी है. जब भी चुनाव कराए जाएंगे, इसका पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में फिलहाल चुनाव आयोग ने उपचुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की है. सेठ ने साफ किया कि चुनाव कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स ने चुनाव को लेकर दायर याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इनकार किया है. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज कर दी.

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बीजेपी-कांग्रेस उतरी मैदान में
दमोह उपचुनाव के बाद एक बार फिर से कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने की लड़ाई में होंगे. दमोह उपचुनाव जीतने के बाद कांग्रेस खुश नजर आ रही है. तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी इस हार से उबर कर 1 लोकसभा और 3 विधानसभा सीट जीतने के लिए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जहां भोपाल में लगातार पार्टी की बैठकें कर रहे हैं तो वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी क्षेत्रों के दौरे कर रहे हैं. जनता में सरकार की साफ छवि बनाए रखने के लिए अधिकारियों पर जमकर बरस भी रहे हैं. निवाड़ी जिले में पिछली बार हुई जन दर्शन यात्रा पर कई अधिकारियों को जनता के समक्ष ही पद से हटा दिया था. इसके बाद शिवराज खंडवा में भी जनदर्शन कार्यक्रम में गए. वहां लोगों के लिए काफी घोषणाएं कीं.

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कहां किन सीटों पर होने हैं उपचुनाव?
प्रदेश में चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें खंडवा की लोकसभा सीट और तीन विधानसभा की सीटें हैं. खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद यह लोकसभा सीट खाली चल रही है. कोरोना के संकट के दौरान निर्वाचन आयोग ने खंडवा लोकसभा का उपचुनाव टाल दिया था, लेकिन इसके बाद राज्य में कोरोना वायरस के कारण निवाड़ी से कांग्रेंस विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह, जोबट से कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया और रैगांव से बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी का निधन हो गया. अब लोकसभा के साथ इन 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारी तैयारियां शुरू हो जाएंगी. 

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