CM लाड़ली बहना योजना में लापरवाही पड़ी भारी! सचिव,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित कई कर्मचारियों पर गिरी गाज
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CM लाड़ली बहना योजना में लापरवाही पड़ी भारी! सचिव,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित कई कर्मचारियों पर गिरी गाज

Negligence in CM Ladli Bahna Yojana: 'मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना' अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आफत बन गई है. छोटी सी लापरवाही बड़ी कार्रवाई का कारण बनी. सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत कई कर्मचारी चपेट में आए हैं.

Negligence in CM Ladli Bahna Yojana

प्रदीप शर्मा/भिंड: 2023 के चुनाव को जीतने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लॉन्च की गई "लाड़ली बहना" योजना को धरातल पर क्रियान्वयन दिन व दिन छोटे कर्मचारियों का परेशानी का सबब साबित हो रहा है. जमीनी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते स्थिति में सुधार आता नहीं दिख रहा है. योजना में हितग्राही महिलाओं की केवाईसी की प्रक्रिया जारी है, लेकिन वेरिफिकेशन के हज़ारों प्रकरण अब भी लंबित हैं. सीएम शिवराज सिंह द्वारा भिंड जिले के लिए दो लाख चालीस हजार हितग्राही महिलाओं के फॉर्म भरने का टारगेट दिया गया है. जिसमें से तीन हफ्ते बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन से कर्मचारियों की कछुआ चाल के चलते आधा टारगेट पूरा नही कर सके है. ऐसे में अपने काम में उदासीनता बरत एक दर्जन से अधिक पंचायत सचिवों को कलेक्टर ने निलंबित और तीन ग्राम रोज़गार सहायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं.

अधिकारियों पर भी चल रहा कलेक्टर का चाबुक
साथ ही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की भिंड नगर पालिका क्षेत्र की भिंड कलेक्टर द्वारा समीक्षा करने पर संतोषजनक प्रगति नहीं मिलने पर सीएमओ वीरेंद्र तिवारी का सात दिन का वेतन काटने का फरमान जारी किया है. साथ ही अटेर एडीओ एमपी चौधरी को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में रुचि ना लेने के चलते निलंबित किया गया है. निलंबन अवधि में मुख्यालय कार्यालय जिला पंचायत में नियत किया गया है.

लापरवाह कर्मचारियों पर जिला कलेक्टर का डंडा
दरअसल, बीते तीन हफ़्तों में लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन में समग्र केवाईसी वेरिफिकेशन में लापरवाह भिंड के आधा सैकड़ा से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर चुकी है. भिंड कलेक्टर द्वारा बीते दिनों ग्राम पंचायतों में कार्यरत एक दर्जन कर्मचारियों पर कलेक्टर की कार्रवाई का डंडा चला है.

कलेक्टर ने एक दर्जन से अधिक पंचायत सचिवों को किया निलंबित
भिंड कलेक्टर ने एक दर्जन से अधिक पंचायत सचिव जिनमें ग्राम पंचायत रहावली उवारी के सचिव उपेन्द्र शर्मा, ग्राम पंचायत रहावली बेहड़ के ग्राम सचिव नरेश गुर्जर, ग्राम पंचायत मानगढ़ के ग्राम सचिव विजयपाल सिंह, ग्राम पंचायत इंदुर्खी के ग्राम सचिव अखिलेश नरवरिया, ग्राम पंचायत भारौली खुर्द के सचिव महेंद्र भदौरिया, ग्राम पंचायत गहेली के ग्राम सचिव आशीष शर्मा , कल का पंचायत के सचिव देवेंद्र तिवारी, ग्राम पंचायत मानहड़ के सचिव भूपेंद्र सिंह, अजनोहा पंचायत के सचिव धर्मजीत शर्मा, मसूरी पंचायत के सचिव महिपाल सिंह जादौन, जमहोरा पंचायत के सचिव अभिलाख सिंह यादव, दिलवारी पंचायत के सचिव रामनिवास शर्मा को निलम्बित कर जनपद मुख्यालय अटैच कर दिया है. सभी पर यह कार्रवाई पंचायतों में लंबित पात्र महिलाओं के ई-केवाईसी वेरिफिकेशन प्रकरणों के चलते की गई है.

लंबित प्रकरणों को लेकर गिरी तीन जीआरएस पर गाज
भिंड कलेक्टर ने लाड़ली बहना योजना में ई-केवाईसी लापरवाही बरतने वाले तीन ग्राम रोज़गार सहायकों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कलेक्टर ने ग्राम पंचायत मानगढ़ के जीआरएस गोविंद सिंह को बार-बार निर्देशित किए जाने के बाद भी 189 प्रकरणों का वेरिफिकेशन लंबित रहने के चलते उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसका जवाब तीन दिन में पेश करना होगा. ठीक इसी तरह ग्राम पंचायत इंदुर्खी के जीआरएस धीरेंद्र प्रताप सिंह को 159 प्रकरण लंबित रखने और ग्राम पंचायत रहावली बीहड़ के जीआरएस ब्रिजेन्द्र शाक्य को 244 प्रकरण लंबित रखने के चलते शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं.

हड़ताल के चलते प्रभावित हो रहा है कार्य
दरअसल, रोजगार ग्राम सहायक और सचिवों की तो देशव्यापी हड़ताल के चलते मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का क्रियान्वयन ठीक तरीके से धरातल पर नहीं हो पा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों ने लाडली बहना योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सरपंचों के मत्थे मढ़ दी है. जिसके सरपंचों ने भी प्राइवेट लोगों को लगाकर कार्य शुरू कर दिया है.

फॉर्म भरने के नाम पर अवैध वसूली की तस्वीरें आ रही सामने
प्राइवेट लोग भी कहीं ना कहीं हितग्राहियों से फॉर्म भरने अथवा केवाईसी के नाम पर 50 से 100 की वसूली प्रति ग्राही करते हुए नजर आ रहे हैं. जिसके वीडियो हितग्राही सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भी नाराजगी
बता दें कि पंचायत कर्मचारियों के साथ महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई है. जिसको लेकर पहले से ही नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंदोलन कर रही हैं. एक अप्रैल को जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास  अब्दुल गफ्फार ने पांच आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका द्वारा राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाएं लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मात्र वंदना योजना एवं लाड़ली बहना अभियान जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं में लापरवाही, उदासीनता कारित किये जाने पर प्रथम दृष्टिया दोषी पाए जाने एवं सौपें गए पदीय दायित्वों के निर्वहनों में घोर लापरवाही बरतने तथा निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति ना करने एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का पालन ना करने के कारण बाल विकास परियोजना रौन आनंगबाडी केन्द्र बसंतपुरा की आंगनबाडी कार्यकर्ता पिंकी दौहरे, आंगनबाडी सहायिका रूबी सिंह, आंगनबाडी केन्द्र पचौखरा की आंगनबाडी कार्यकर्ता मुरली देवी, बाल विकास परियोजना मेहगांव सेक्टर सायना आंगनबाडी केन्द्र तुलसीपुरा की आंगनबाडी सहायिका निशा चौहान एवं सेक्टर रठियापुरा आंगनबाडी केन्द्र सीताराम की लावन-04 की आंगनबाडी कार्यकर्ता रेखा गुर्जर की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं.

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