एमपी में 1330 कॉलेज हैं, जिनमें 513 सरकारी, 65 अनुदान प्राप्त संस्था, 752 निजी कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के अलग-अलग कोर्स की 8 लाख से ज्यादा सीटें हैं.
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प्रमोद शर्मा/भोपालः एमपी के कॉलेजों में इन दिनों एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि प्रदेश के कॉलेजों में अभी ढाई लाख सीटें खाली हैं. जिसने उच्च शिक्षा विभाग की परेशानी बढ़ा दी है. यही वजह है कि सरकार को मजबूरन एडमिशन के लिए छठा राउंड लाना पड़ा है. छठे राउंड के तहत एडमिशन प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है.
एमपी के कॉलेजों में पांच राउंड के बाद भी दो लाख 70 हजार सीटें खाली पड़ी हुई हैं. ऐसे में खाली सीटों के अंतर को कम करने के लिए आज से एडमिशन के लिए छठा राउंड शुरू हो गया है. बता दें कि एमपी में 1330 कॉलेज हैं, जिनमें 513 सरकारी, 65 अनुदान प्राप्त संस्था, 752 निजी कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के अलग-अलग कोर्स की 8 लाख से ज्यादा सीटें हैं. इनमें से अब तक 5 लाख 28 हजार 336 सीटों पर एडमिशन हो चुका है लेकिन अभी भी 2 लाख 70 हजार सीटें खाली पड़ी हुई हैं.
इनमें से ग्रेजुएट कोर्स में एक लाख 12 हजार से ज्यादा सीटें खाली हैं. वहीं पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में 64 हजार से ज्यादा सीटें खाली हैं. इतनी बड़ी संख्या में खाली सीटों को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग के हाथ पैर फूले हुए हैं! कई कोशिशों के बाद भी कॉलेजों में सीटों का नहीं भरना बताता है कि शायद छात्रों का एमपी के कॉलेजों से मोहभंग हो गया है! अभी तक छठे राउंड में ग्रेजुएट कोर्स में 15186 और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में 5847 छात्रों ने भाग लिया है.
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इससे पहले जुलाई माह तक एमपी के कॉलेजों में 4 लाख सीटें खाली थीं. जिसके बाद बची हुई सीटों पर छात्रों को सीधे प्रवेश दिया गया. हालांकि उसके बाद भी छठे राउंड तक सभी सीटें भरी नहीं जा सकी हैं.