ग्वालियर-आगरा के बीच बनेगा ग्रीनफील्ड कॉरीडोर, 32 किमी दूरी कम होगी, रोजगार और व्यापार बढ़ेगा
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ग्वालियर-आगरा के बीच बनेगा ग्रीनफील्ड कॉरीडोर, 32 किमी दूरी कम होगी, रोजगार और व्यापार बढ़ेगा

NHAI Issues Tender for Greenfield Corridor : मध्यप्रदेश में एनएचएआई ने ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के लिए 3841 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है. जिससे आगरा से ग्वालियर के बीच की दूरी लगभग 32 किमी तक घटेगी साथ ही वाहनों का बोझ को कम किया जाएगा. इसके अलावा 5000 रोजगार भी पैदा होंगे.

 

NHAI Issues 3841 Crore Tender for Greenfield Corridor

NHAI Issues Tender for Greenfield Corridor : मध्यप्रदेश की सरकार ने प्रदेश वासियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है. दरअसल एनएचएआई द्वारा आगरा-ग्वालियर के बीच ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को डेवलप किया जा रहा है. इसके लिए एनएचएआई ने 3841 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला है. इस नए कॉरिडोर के बनने के बाद आगरा से ग्वालियर के बीच जाने में यात्रियों को बहुत कम समय लगेगा . इससे यात्रियों के समय में बचत होगी. इस परियोजना से चंबल और ग्वालियर क्षेत्र में व्यापार और उद्योग की गतिविधियां बढ़ेंगी. जिससे करीब 5 हजार लोगों को नई नौकरियां मिल सकती है. माना जा रहा है इस प्रोजेक्ट का काम 2025-26 के आसपास शुरू हो सकता है.

फोरलेन और सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे पर बंटेगा वाहनों का लोड 
फिलहाल ग्वालियर और आगरा के बीच फोरलेन हाइवे पर रोजाना 60,000 पैसेंजर कारें चल रही हैं. इस वजह से सड़क पर दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है. नया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से इस भारी ट्रैफिक को नए रूट पर डायवर्ट किया जाएगा. इससे दुर्घटनाओं की संख्या घटेगी. फोरलेन और सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का लोड दोनों लेन में बंट जाने से एयर एंड नॉइस पॉल्यूशन में कमी में आयेगी. इस तरह लोकल लोगों के लिए यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा.

व्यवसाय की गतिविधियों में बढ़ोतरी 
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के बनने से आगरा, मुरैना और ग्वालियर के बीच एक नया क्षेत्र विकसित होगा. इस नए रूट के कारण मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में व्यवसाय की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी. ग्वालियर की इंडस्ट्री हब में आने वाले इन्वेस्टर्स के इस नये रूट पर फंड इंवेस्ट करने की संभावना बढ़ जाएगी. इस तरह नए कॉरिडोर के डेवलपमेंट से एरिया की आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ व्यापारिक अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी. 

ट्रैफिक के दबाव में कमी 
जब ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से आगरा से लेकर सैंया, मनियां, धौलपुर, मुरैना, बानमोर, और पुरानी छावनी तक ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा. अभी बहुत सारे वाहनों के कारण लोग अक्सर जाम में फंस जाते हैं. इस नए कॉरिडोर के बनने से ट्रैफिक की भीड़ कम होगी.  यात्रिओं को ट्रेवल करने में आसानी होगी.

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माल की डिलीवरी होगी समय पर
लोडिंग वाहनों को अब कच्चे माल को लाने ले जाने के लिए एक खाली हाइवे मिलेगा. इससे माल की डिलीवरी समय पर हो सकेगी. मौजूदा समय में भारी ट्रैफिक के कारण माल को ले जाने में देरी होती है. नए हाइवे के कारण ट्रैफिक की समस्या हल हो जाएगी और सप्लाई चेन में सुधार होगा.

 

32 किमी तक की दूरी कम 
नए सिक्सलेन हाइवे के बनने से आगरा और ग्वालियर के बीच की दूरी 32 किलोमीटर कम हो जाएगी. इससे यात्रा का समय एक से सवा घंटे घटेगा. जिन किसानों की जमीन पर हाइवे बनेगा. अगर उनकी जमीन पर मकान, नलकूप, टीनशेड, बिजली के पोल या ट्रांसफार्मर लगे हैं. तो उनकी प्रॉपर्टी की जांच की जाएगी. उसका मूल्यांकन करके किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा.

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25 गांवों की 7357 किसानों की जमीन से गुजरेगा कॉरिडोर
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की योजना के तहत नया एक्सप्रेस-वे अंबाह और मुरैना अनुविभाग के 25 गांवों की 7357 किसानों की जमीन से होकर गुजरेगा. ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को डेवलप  करने के लिए अंबाह में 582 किसानों की जमीन का ले लिया गया है. वहीं मुरैना अनुविभाग में लगभग 6755 किसानों की जमीन को लेने का कार्य पूरा भी पूरा हो चुका है.

 

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