MP पंचायत चुनावः सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कमलनाथ का बड़ा बयान, बताया पार्टी का संकल्प
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MP पंचायत चुनावः सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कमलनाथ का बड़ा बयान, बताया पार्टी का संकल्प

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है. 

MP पंचायत चुनावः सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कमलनाथ का बड़ा बयान, बताया पार्टी का संकल्प

भोपालः मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर दायर याचिका पर आखिर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया, जिस पर अब राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है. 

बिना ओबीसी आरक्षण के न हो चुनाव 
कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ''मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर आज आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हम अध्ययन करेंगे, कानून के विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे. हमारा तो बस एक ही संकल्प है कि ओबीसी वर्ग को हर हाल में हमारी सरकार द्वारा बढ़ाये हुए आरक्षण का लाभ मिले, प्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव ना हो, इसके लिये हम दृढ़ संकल्पित है. इसके लिये हमें जो कदम उठाना पड़ेंगे, वो उठाएंगे.''

शिवराज सरकार सुनिश्चित कदम उठाए
कमलनाथ ने लिखा कि ''शिवराज सरकार भी यह सुनिश्चित करे कि ओबीसी वर्ग को उसका हक मिले, उसके लिये हर कदम उठाये जावे , जिन भी संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करना पड़े, वो किया जावे.'' दरअसल, कमलनाथ ने शिवराज सरकार से मांग की है कि ओबीसी वर्ग को उसका हक मिलना चाहिए और पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होने चाहिए. क्योंकि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर ही टले थे. 

अब सुनवाई नहीं होगी 
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सुनाते हुए शिवराज सरकार को आदेश देते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट नियम का पालन करना होगा,  ट्रिपल टेस्ट नियम के आधार पर ही पंचायत चुनाव हो. वहीं एमपी में पंचायत चुनाव से जुड़ा अध्यादेश वापस ले लिया गया है इसलिए अब चुनाव रद्द हो चुके ऐसे में सुनवाई का कोई महत्व नहीं बचता. 

जानिए क्या है आरक्षण का ट्रिपल टेस्ट
किसी राज्य में आरक्षण के लिए स्थानीय निकाय के रूप में पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की जांच के लिए आयोग की स्थापना की जानी चाहिए. इसके बाद आयोग की सिफारिशों के मुताबिक आरक्षण के अनुपात को निर्दिष्ट करना जरूरी है. साथ ही किसी भी मामले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के पक्ष में कुल आरक्षित सीटों का प्रतिशत 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार ने शुक्रवार शाम में एक बैठक बुलाई. जिसमें ट्रिपल टेस्ट को लेकर अन्य राज्य क्या फैसले ले रहे हैं, इसका पता लगाने के भी निर्देश सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिए हैं. 

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