एमपी में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav) का रास्ता अभी भी साफ नहीं दिखाई दे रहा है. चुनाव को लेकर अभी भी एक पेंच फंसा हुआ है. दरअसल पंचायत चुनाव में आरक्षण (Reservation In Panchayat Chunav) और परिसीमन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है.
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भोपाल: एमपी में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav) का रास्ता अभी भी साफ नहीं दिखाई दे रहा है. चुनाव को लेकर अभी भी एक पेंच फंसा हुआ है. दरअसल पंचायत चुनाव में आरक्षण (Reservation In Panchayat Chunav) और परिसीमन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. बता दें परिसीमन और आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में रिट पिटीशन दायर की गई है. इसे कांग्रेस (Congress) नेता सय्यद जाफर और जया ठाकुर ने दायर किया है. रीट पिटिशन 7 दिसम्बर को ही दायर कर दी गई थी. यानि हाईकोर्ट से निर्णय आने से पहले ही दोनों नेता सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे जा चुके थे. इसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख़ भी मिल सकती है.
उच्च न्यायालय के दरवाजे कांग्रेस
बता दें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पंचायत चुनावों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. सुनवाई के दौरान लगभग पौन घंटे तक बहस चली, जिसके बाद मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाने से मना कर दिया. इसपर कांग्रेस नेता और याचिका कर्ताओं के वकील विवेक तन्खा पहले ही सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह चुके हैं. वहीं सयैद जाफर ने मीडिया को बताया कि वो लोग 7 दिसंबर को ही उच्चतम न्यायालय पहुंच चुके थे. ग्वालियर खंडपीठ के निर्णय से पहले ही उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया है.
सियासी घमासान जारी
बता दें पंचायत चुनावों पर सरकार और विपक्ष के बीच घमासान जारी है. राज्य सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर 9 दिसंबर को सुनवाई हुई. इन याचिकाओं में कहा गया था कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार गलत तराके से चुनावी प्रक्रिया कर रही है. बता दें राज्य के स्तर से देखें तो पंचायत चुनावों को लेकर ये मामला बेहद अहम है. इससे पहले भी पंचायत चुनाव को लेकर कुछ याचिकों पर सुनवाई हो चुकी हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश में तीन चरणों में पंचायत चुनाव का ऐलान किया गया है. प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं, लेकिन प्रदेश में चुनावों की तारीखों को लेकर सियासी घमासान भी खूब चल रहा है.
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